कानपुर । बापू तेरे देश में अब शराब बिकेगी पर कपड़ा नहीं बिकेगा,दुकानदारों को न्याय दो,सोशल डिस्टेंस के साथ दुकानें चलाने दो आदि नारे लिखी तख्तियों के साथ हाथों में शराब की बोतलें लेकर सपा व्यापार सभा व उत्तर प्रदेश प्रान्तीय व्यापार मण्डल के संयुक्त तत्वाधान में व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता व कानपुर नगर अध्यक्ष जीतेन्द्र जायसवाल के नेतृत्व में व्यापारी घण्टाघर भारत माता प्रतिमा के नीचे मौन सत्याग्रह पर बैठे और सरकार से दुकानों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शुरू करने या दुकानदारों को आर्थिक मदद देने की माँग रखी।इस मौके पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष व सपा व्यापार सभा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की 5 माह बीत गए हैं पर कानपुर के मुख्य बाजार में छोटे व मंझोले दुकानदारों को दुकान नहीं खोलने दिया जा रहा है । उनको लगातार सोशल डिस्टैसिंग का हवाला दिया जा रहा है । अभिमन्यु ने कहा की हैरत की बात है की शराब की दुकानें और बड़े बड़े कारखाने इस वक़्त खुले हैं बिना दिक्कत पर शासन प्रशासन को छोटे मंझोले दुकानदारों से ही दिक्कत है।लाकडाउन से लेकर आज तक शासन प्रशासन ने इन दुकानदारों को एक रुपये की भी मदद नहीं पहुंचाई । खर्चे सब वहीं के वहीं खड़े हैं बिल आदि की वसूली में सरकार कहीं पीछे नहीं है । राखी के त्यौहार से कुछ बिक्री होने की उम्मीद थी पर उसपर भी शासन प्रशासन ने पानी फेर दिया।इस मौके पर कानपुर नगर अध्यक्ष जितेंद्र जायसवाल ने कहा की अब समय आ गया है कि हम व्यापारियों के लिए सड़क पर संघर्ष करे क्यो की यह सरकार और कानपुर प्रशासन से न्याय नहीं मिल रहा । जब इच्छा हुई दुकानों को बन्द कर दिया। हमारी आप की दुकान बंद करने का फैसला लेते हैं और दुकानदारों से पूछते भी नहीं।सबने ऐसी किसी भी दुकान बंदी का विरोध किया जिसमें केवल शराब की दुकानें, कारखाने,फैक्ट्री चलेंगे और छोटी मंझोली दुकान नहीं चलेंगी।मांग रखी गई कि या तो सोशल डिस्टेंस के साथ दुकानों को भी खुलने की अनुमति मिले या बंद दुकानों को सरकार तत्काल मुआवज़ा दे ।
मुख्यरूप से उपस्थित संजय बिस्वरी, फैज़ महमूद, दीपक सविता, मनोज चौरसिया, राजेन्द्र कनौजिया ,शेषनाथ यादव,सहज प्रीत सिंह,मो शारिक, महेश सिंह, तुषार जायसवाल,मालू गुप्ता, दानिश खान, लवि खान,गुड्डू यादव, दीपू श्रीवास्तव, दीपक महरोत्रा ,पंकज वर्मा, सहज प्रीत सिंह, अविनाश गुप्ता,अंकुर गुप्ता,आकिब खान आदि सैकड़ो व्यापारी मौजूद थे ।
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