कानपुर । कहा जाता है आने वाले भविष्य का रूप बच्चे है और ये शत प्रतिशत सत्य भी है तो इन बच्चो की ज़िंदगी से खिलवाड़ कीव जहां प्रशासन गाड़ियों की चेकिंग के नाम पर टाइम पास कर रही है वही दूसरी तरफ इस वीडियो में स्कूली वैन सरकारी *मोटर वाहन अधिनियम* की धज्जियाँ उड़ाते दिख रहे है और ऐसा रवैया पूरे कानपुर शहर में देखने को मिलेगा इसकी एक क्लिप कानपुर के जानेमाने स्कूल *श्याम नगर के डॉ वीरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर* की है जहां बच्चो को लाने लेजाने के लिए स्कूली वैन की लंबी कतार लगी है जिसमे बच्चे बैठ कर जा रहे है
*UNT* के संवाददाता ने जब कानपुर का सर्वे किया तो अनेक गाड़िया मिली जो मासूम बच्चो को भूसे मि तहर गाड़ियों में भर के ले जाते है सबसे बड़ी बात *मोटर अधिनियम के अनुसार इन गाड़ियों पर ना स्कूल लिखा हुवा नाम होता है और ना ही गाड़ियों का रंग* जबकि सरकार ने स्कूली वैन के लिए *पीला रंग* अनिवार्य किया है जिससे दूर से पता लगाया जा सकता है कि ये स्कूली गाड़ी वा मसूम बच्चे है।
इन गाड़ियों के ड्राइवर इतने लापरवाह होते है कि बच्चो को बीच चौराहे पर ही गाड़ी रोक कर बच्चो को गाड़ियों से उतारने लगते है वीडियो में इसकी झलक मौजूद है ऐसी गाड़ियां मानकों के विपरीत सारा दिन कानपुर शहर में चक्कर लगाया करती है शायद आलाअधिकारी आंख बंद कर किसी बड़ी घटना का इन्तेजार कर रहे है।
शाह मोहम्मद ✍✍✍
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