नमस्ते इंडिया दूध की खुली पोल
कानपुर । कुदरत द्वारा दिया गया विटामिनों से भरपूर दूध जो प्राचीन काल से आज तक बड़े,बूढे,बच्चे,औरते सभी दूध का उपयोग अपने स्वास्थ्य के लिए करते हैं । प्राचीन काल के वैध,हकीमो से ले कर वर्तमान में डॉक्टर साइंस दूध के महत्व को आम जन मानस को समझा चुकी है । बीमार पड़ने पर तथा हम अपने नोनिहलों को तेज़ दिमाग और उन की सेहत और स्वास्थ्य के लिए सुबह शाम दूध का सेवन कराते हैं जिस का परिणाम भी मिलता है । परन्तु वर्तमान समय मे ये दूध हमारे जीवन मे “गाढ़ा मजा” हो गया और हम अपनो को “गाढ़ा मजा” के नाम पे मीठा ज़हर देने लगे
जो दूध बच्चों के लिए पोष्टिक आहार होता है वहीं ये दूध गाढ़ा मज़ा के नाम पर नुकसान पहुचाने लगा । जो डॉक्टर दूध पिलाने के लिए कहते थे वहीं अब ये ना पिलाने के लिए कहने लगे ।
नमस्ते इंडिया दूध जो “गाढ़ा मजा” के नाम से भी जाना जाता है । जिस का खाद्य पदार्थ विभाग ने उस की गुडवत्ता का जांच सैम्पल भेजा था । जो गुडवत्ता में फैल हो गया था ।
नमस्ते इंडिया दूध “गाढ़ा मजा” का सैम्पल फेल होने के बाद इस मामले में एडीएम सिटी की कोर्ट ने “गाढ़ा मजा” पे दो लाख दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया
कपड़ा धोने वाले साबुन के मालिकानों द्वारा जादू से बनाए गए नमस्ते इंडिया दूध की गुडवत्ता के बड़े-बड़े दावे जांच में फेल हो चुके हैं। असल में कोई भी जानवर इतना गाढ़ा दूध नहीं दे सकता जितना गाढ़ा ये बनाते रहे हैं।
नमस्ते इंडिया दूध के सेंटर से अठारह हजार लीटर मिश्रित दूध में से लिया गया नमूना हुआ था लैब टेस्ट में फेल।
गुडवत्ता में फैल होने के बाद तो ये अपने “गाढ़े मजे” का विज्ञापन और तेज़ी से करने लगे जहां जुर्माने की खबर छोटी और विज्ञापन बड़े लगने लगे शहर भर में नमस्ते इंडिया “गाढ़ा मजा” के नाम लगी बड़ी बड़ी होल्डिंग सरकार द्वारा लगाए गए जुर्माने को मुंह चिढ़ाती नज़र आ रही हैं । वहीं इस का उपयोग करने वाले अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं
डॉक्टर कीर्ति वर्धन सिंह M.B.B.S.M.D. ने मिलावटी दूध से होने वाली बीमारियों के विषय मे बताया की इनसे क्या क्या नुकसान है अगर व्यक्ति इन मिलावटी दूध का इस्तेमाल कर रहा है तो उसमें अनेक बीमारियों के लक्षण हो सकते है जैसे हड्डियों का जल जाना, चर्म रोग का हो जान, कैंसर जैसी बड़ी घातक बीमारी का शिकार हो सकता है
अपनी राय भी दिया कि सरकार को सिर्फ जुर्माना लगा देने से कोई फर्क नही पड़ेगा पहले इसकी सप्लाई को पूरे शहर में रोकी जाए जिससे लोग इसके सेवन से बच सके और ऐसे खाद सामग्री को पूर्ण रूप से बंद किया जाए।
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