शाह मोहम्मद
कानपुर । आल इंडिया गरीब नवाज कोंसिल के तत्वावधान में आज कानपुर गदियाना में आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान ए बरेलवी का 100 वाँ उर्स पाक मनाया गया जिसकी सदारत मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी साहब इमाम ईदगाह गदियाना ने किया मौलाना अशरफी ने बताया कि दीन को आगे बढ़ाने और इस्लाम को सही से समझने का तरीका बताया आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान बरेलवी शरीयत ओ तरीकत के संगम थे।
मौलाना अशरफी ने बताया कि आप को 50 से ज़्यदा इल्म पर महारथ हासिल थी।आप ने अपनी ज़िंदगी मे हजारो किताबे लिख कर इल्म का एक बड़ा जखीरा दिया विशेष तौर पर कुरान शरीफ को उर्दू में अनवाद किया और फतवा ए रिजवीय जो 30 मोटे भागो में मौजूद है जिसकी रोशनी में उलमा आज भी फतवा जारी करते है जिससे लोग उन किताबो से इल्म हासिल कर रहे है। आप के तर्जुमा ए कुरान का नाम कन्जुल ईमान है।
आप ने 4 वर्ष की कम उम्र में ही कुरान पड़ के मुकम्मल किया 6 वर्ष की उम्र में मंच पर लोगो के सामने तकरीर की उर्दू , अरबी, फारसी पढ़ने के बाद अपने वालिद हज़रत मौलाना नकी अली खान साहब से उच्च शिक्षा प्राप्त की 13 बरस की उम्र में फरागत प्राप्त की और इसी उम्र से फतवा लिखना शुरू कर दिया आप ने करीब 50 विषय पर किताब लिखी इसी लिये आप के विरोधी भी आप की कलम के दीवाने हो जाते थे आप का मजार बरेली के सौदागरान में सभी के आस्था का केंद्र है। हर धर्म के लोग यह आते है और अपनी मुरादे मानते है और उनको फैज़ हासिल होता है।
जलसे का आगाज कारी नियाज अशरफी ने कुरान पाक की तिलावत करके शुरू किया कारी मोहम्मद अशरफी कारी मोहम्मद आज़ाद ने नात पढ़ी जलसे की देखरेख अदनान राफे फारूखी सज्जादानशीन मखदूम शाह ए आला व संचालन हाफिज मोहम्मद अशरफी ने किया मुल्क की तरक्की व अमनो अमान के लिए दुवा की गई जिसमें इरशाद आलम सदर दरगाह कमेटी जाजमऊ, मोहम्मद शाह आज़म बरकाती, मौलाना हादी रज़ा, मौलाना शकील अहमद, हाफिज मसूद, हाजी हमीद, सुब्बा अली, हैदर अली, रसूल बक्श आदि सैकड़ो की तादाद में लोग उपस्थित थे।
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