मोo नदीम सिद्दीकी——————-
रेलवे में नही बन्द हो रहा टैक्स चोरी का खेल
चोर रास्तो से लगातार हो रही टैक्स चोरी
रेलवे पुलिस के रहते चोर रास्तो से धड़ल्ले से होता टैक्स चोरी के माल का आवागमन
दबंग दलालो के काबिज रहते रेलवे को लगता रहेगा करोड़ो का चूना
विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते ही दलालो का वर्चस्व है कायम
कानपुर । प्राप्त जानकारी के अनुसार सेंट्रल स्टेशन पर पिछले माह सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में जीएसटी विभाग की टीम ने छापामारी के दौरान करोड़ो के टैक्स चोरी के माल को पकड़ा था साथ ही रेलवे पुलिस को भी सचेत किया था कि वो टैक्स चोरी के दलालो पर नजर रखे ताकि टैक्स चोरी पर लगाम लग सके कुछ दिनों के लिए ऐसा लगने लगा था कि अब दलालो को रेलवे में धसने के लिए काफी मशक्कत करनी होगी लेकिन हुआ उल्टा कुछ दिनों बाद ही दलालो की सरगर्मी फिर से तेजी पकड़ती नजर आने लगी इस बार दलालो ने रेलवे के चोर दरवाजो से माल पार करने का मुख्य केंद्र बना लिया है शाम होते ही चोर दरवाजो से टैक्स चोरी का माल स्टेशन के अंदर दाखिल कराया जा रहा है जिसे रोकने वाला कोई नही है
सूत्रों बताते है प्लेटफार्म न0 9 से बाहर निकलने वाले चोर रास्ते से शाम को टैक्स चोरी के माल का आवागमन होता है जो सुतरखाना होते हुए घण्टाघर से पार किया जाता है वही कैंट साइड प्लेटफार्म नo 10 में बने चोर रास्ते से भी टैक्स चोरी के माल का आवागमन किया जा रहा है इसके अलावा जी आर पी थाने के आगे भी एक चोर रास्ता है जो फेथफुल की ओर निकला है वहा से भी रात के अंधेरे में माल दाखिल किया जा रहा है ताज्जुब की बात है इतनी सख्ती होने के बाद भी रेलवे में टैक्स चोरी का माल अंदर बाहर किया जाता है जिसे रोकने वाला कोई भी विभागीय अधिकारी दिखाई नही दे रहा है जानकारों की माने तो चोर रास्तो, को टैक्स चोरी के माल के आवागमन के लिए ही खोला गया है वरना इन रास्तों का कोई औचित्य नही बनता है यात्रियों के आने जाने के लिए अलग से रास्ते बने है
*केला वाला दलाल धुरन्धर-जिसके इशारे पर होता माल रेलवे के अंदर*
रेलवे में दलाली का काम कोई नया नही है इसमें कई पीढियां जोर आजमाइश करती नजर आई है लेकिन दबंगई व सेटिंग गेटिंग एक आध की ही नजर आती दिखती है सूत्र बताते है दलाली में सबसे प्रबल वर्चस्व मीठे का है जो कभी केले का ठेला लगाता था आज क्षेत्र के रईसों में शुमार किया जाता है जिसका नाम सुनते ही रेलवे का शायद ही कोई अधिकारी होगा जो टैक्स चोरी के माल को छूने की सोचे सूत्र बताते है यही हाल जीएसटी विभाग का भी है मजाल है कोई अधिकारी नाम जानने के बाद माल को हाथ लगा दे ऐसा नही है कि विभागीय अधिकारी मीठे से भय खाते हो इस सबके एवज में मीठे के गुर्गे अधिकारियों को एक मुश्त रकम पहुचाते है इसलिए अधिकारियों के मुँह में ताले लगे हुए है ऐसा लोगो से पता चला है सूत्र ये भी बताते है मीठे का टैक्स चोरी का कारोबार पूरे जिले में फैला हुआ है उसके गुर्गे घुम घुमकर टैक्स चोरी के माल को बुक करते है जिसे लोडरो द्वारा लाया जाता है और चोर रास्तो से निकालकर ट्रेनों पर चढ़ा दिया जाता है जहां का माल बुक होता है वहा पर भी उसके गुर्गे पहले से तैनात रहते है जो माल को सुरक्षित व्यापारियों तक पहुचा देते है सूत्र बताते है एक केले के ठेले से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाला टैक्स चोरी के कारोबार तक पहुचकर करोड़ो मालिक बन चुका है मीठा छुटभैये दलालो को पछाड़ते हुए आज धुरन्धर दलालो में शुमार किया जाने लगा है जिसके काले कारोबार के कारण देश को रोज़ाना लाखो का चूना लगता है जिसका खामियाजा घाटे में चल रहे रेलवे को चुकाना पड़ रहा है अगर जल्द ही टैक्स चोर दलालो पर लगाम ना लगाई तो इनके जैसे और दलाल पैदा होकर देश की आर्थिक व्यवस्था को खोखला करने में कोई कसर नही छोड़ेंगे
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