कानपुर । अजमते मुस्तफा कॉन्फ्रेंस की तरफ से आज 07 अक्टूबर दिन रविवार को बाबू पुरवा लोको साउथ कालोनी जंगले वाली मस्जिद में एक अजीमोशान जलसा वा दस्तार फज़ीलत का प्रोग्राम हुवा।
जिसकी सदारत काजी शहर कानपुर मौलाना रियाज़ अहमद हशमती ने किया।
इस जलसे के निगरह वा तिलावत की शुरुआत हाजी सय्यद हाफिज कारी मोहम्मद अहमद साहब इमाम जंगले वाली मस्जिद वा इमाम बगही ईदगाह ने कुरान पाक की तिलावत करके के शुरू किया।
इस जलसे के खुसूसी मुकर्रर औलादे गौसे आजम खलीफा ए शैकुल इस्लाम हज़रत अल्लामा मौलाना सय्यद अमीनुल क़ादरी साहब मुबल्लिग सुन्नी दावते इस्लाम निगरह मालेगांव मुम्बई से तशरीफ लाये और हुज़ूर की अज़मत के बारे में बयान किया कि हुज़ूर की असल मे क्या ज़िंदगी थी और उनके क्या तरीके थे आज के मुसलमान हुजूर के बताए हुए रास्ते से कुछ भटक गया है खास तौर पर उन्होंने नव जवानों के लिए ये भी कहा कि आज का मुसलमान हुज़ूर को तो मानने को तैयार है लेकिन हुज़ूर की मानने को तैयार नही है अमीनुल कादरी साहब ने हिंदुस्तान और कानपुर की सरजमीं के लिए शांति भाईचारे इल्म इख्लास की दुआ की।
शरपरस्ती सय्यद उवैश मियां साहब किबला बिलग्राम शरीफ से तशरीफ़ लाये जिसमे बच्चो की दस्तार बंदी हुई उन सभी को हज़रत ने दुआ से नवाजा तथा उनके उस्ताद सय्यद अहमद साहब को बधाई दिया और कहा की यही बच्चे आगे चल कर दीन को फैलाने का काम करते है साथ ही इन्हें और आगे बढ़ने का हौसला दिया।
हज़रत मौलाना मुफ़्ती युनूस साहब नई सड़क से तशरीफ लाये हज़रत ने हुज़ूर की अज़मत के बारे में बताया कि हुज़ूर ने अपनी ज़िंदगी मे नमाज़ को कितनी अहमियत दिया और आज का नव जवान नमाज से दूर सा होता जा रहा है।
जिसमे मौलाना मुफ़्ती यूनुस साहब, मौलाना मोहम्मद हुसैन साहब आदि हजारों की तादाद में लोग मौजूद रहे।
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