शाह मोहम्मद
कानपुर । क़ुर्बानी को लेकर शहर क़ाज़ी मौलाना रियाज़ अहमद हशमती ने उलेमा से अॉन लाईन मीटिंग करने के बाद बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए अवाम से अपील की कि ईद उल अज़हा के मौक़े पर अपने मोहल्ले मे भीड़ न लगाएं और जिस तरीक़े से पिछले सालो की तरह आप लोग क़ुर्बानी का एहतिमाम करते हैं उसी तरह आप लोग सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखते हुए क़ुर्बानी करें कुर्बानी पर कोई पाबंदी नही है बस खुली जगह पर कुर्बानी न करें कुर्बानी के जानवर का खून रोड पर न बहाएं बल्कि मिट्टी मे दफन करें सफाई का खास ख्याल रखें अफवाहों पर ध्यान न दें अपने परिवार के साथ अपने घरों मे ईदुल अज़हा का त्योहार मनाएं क़ाज़ी-ए-शहर ने खुसूसी तौर से कहा कि जो भी साहिबे निसाब हैं यानि जिनके पास 7.5 तोला सोना या 52.5 तोला चाँदी या इसके बराबर की रक़म अगर कुर्बानी के दिनो मे मौजूद है तो उसपर कुर्बानी वाजिब है कुर्बानी वाजिब होने के लिए माल पर साल गुज़रना वाजिब नही साहिबे निसाब औरत पर खुद उसके नाम से कुर्बानी वाजिब है मुसाफिर और नाबालिग पर कुर्बानी वाजिब नही जिन लोगो पर कुर्बानी वाजिब नही वह अगर जिल्हज्ज से पहले दिन से 10 दिनो तक अपने बाल व नाखून न कांटे तो उसे भी कुर्बानी का सवाब मिलेगा इसी के साथ ख्याल रखें कि कोरोना महामारी से बचने केे लिए और अपने वतन को बचाने के लिए जो भी मुम्किन हो वह करें शासन द्वारा दी गई हिदायतों पर अमल करें ।
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