
प्रयागराज, 8 मार्च 2025: प्रयागराज मंडल के गोविंदपुरी और कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर रेलवे में महिला कर्मचारियों की उपलब्धियों को सराहा गया और उनके योगदान को सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि महाकुंभ-2025 के दौरान रेलवे की महिला कर्मचारियों ने असाधारण कार्य किया, जिसकी प्रशंसा केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने भी की थी।
गोविंदपुरी स्टेशन: महिला सशक्तिकरण का प्रतीक
प्रयागराज मंडल का गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित स्टेशन है। यहां गाड़ियों के परिचालन से लेकर टिकट वितरण तक सभी कार्य महिलाएं संभालती हैं। महिला दिवस के अवसर पर इस स्टेशन को गुलाबी रोशनी और गुब्बारों से सजाया गया। स्टेशन अधीक्षक मीनू खरे और अन्य महिला कर्मचारियों ने उप मुख्य यातायात प्रबंधक कानपुर आशुतोष सिंह की उपस्थिति में केक काटकर उत्सव मनाया। इस दौरान आशुतोष सिंह ने महिला कर्मचारियों द्वारा महाकुंभ के दौरान किए गए कार्यों की सराहना की और उन्हें उपहार भेंट किए।
जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस का महिला कर्मचारियों ने किया संचालन
महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रयागराज मंडल के टूंडला स्टेशन से गाड़ी संख्या 12308 जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस का संचालन पूरी तरह महिला कर्मचारियों ने किया। इस ऐतिहासिक पहल के दौरान, ट्रेन का टूंडला, इटावा और कानपुर स्टेशनों पर भव्य स्वागत किया गया। इस ट्रेन के संचालन में महिला लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर और टिकट निरीक्षक शामिल थीं, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को पूरी दक्षता से निभाया।
ट्रेन संचालन में टूंडला से स्टेशन मास्टर शशी, वरिष्ठ लोको पायलट पूजा कुमारी, ट्रेन मैनेजर रेणुका और पॉइंट्समैन अर्चन सिंह ने भूमिका निभाई। कानपुर से वरिष्ठ लोको पायलट प्रगति कुशवाह और अंजलि भारती तथा ट्रेन मैनेजर अंजलि ने अपनी जिम्मेदारी संभाली। प्रयागराज से वरिष्ठ लोको पायलट निधि शुक्ला और सुष्मिता ने ट्रेन का संचालन किया, जबकि ट्रेन मैनेजर स्नेहलता ने अपनी भूमिका निभाई।
रेलवे सुरक्षा बल की महिला टीम ने निभाई सुरक्षा की जिम्मेदारी
इस ट्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी पूरी तरह से रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की महिला कांस्टेबलों को सौंपी गई थी। कांस्टेबल दीप्ति कुमारी, नेहा, कविता कुमारी, नेहा राज और रेखा ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की और रेलवे में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को साबित किया।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इस विशेष आयोजन ने रेलवे में महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की और यह दर्शाया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अपनी दक्षता और नेतृत्व क्षमता से नया इतिहास रच सकती हैं।
Leave a Reply