डॉ. एस.के.वर्मा
कानपुर । शहर में इन दिनों अराजक तत्व के हौसले बुलंद हैं क्योंकि की उन का शहर भर में विचरण दिन रात निबराध रूप से हो रहा है । इन अराजक तत्वों के वाहक एक मात्र सारे शहर की सड़कों व राजमार्गों के किनारे अवैध रूप से संचालित पान की दुकान है ।इन पर ध्यान देने की ज़रूरत किसी भी प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस विभाग ने कतई नही समझी । जब कि सारे शहर में अवैध रुप से संचालित ये पान शॉप और गुमटियां सामान्य नागरिकों के लिए अत्यंत कष्टकारी है । अल सुबह से ले कर देर रात तक खुली रहने वाली इन पान शाप और गुमटियो पर अराजक तत्वों का जमावड़ा लगातार बना रहता है । आये दिन इन पान शॉप गुमटियों पर झगड़ा झुंझुट होता रहता है । पुलिस कार्यवाही भी होती है परन्तु इन की अवैधता पर कोई कार्यवाही नही होती है । सूत्रों की माने तो हर पान शॉप और गुमटियों में सम्बंधित थाने का थाना प्रभारी का मुंह लगा सिपाही सेट है । यही कारण है कि इन पान शॉप और गुमटियों को पुलिस प्रशासन का वरदहस्त प्राप्त है । इसी कारण इन के हौसले बुलन्द हैं । पूरे शहर में कोई भी सड़क हो,सड़क का नुक्कड़ हो या संकरी गली सभी जगह पान की ये अवैध गुमटियां नज़र आजाएगी । इन पान की गुमटियों पर लगातार वाहन खड़े रहते हैं । जिन से जाम तो लगता ही है और निवासीगण को भी आवागमन में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है यदि कोई एतराज करता है तो ये गुमटी वाले मरने मारने पर उतारू हो जाते हैं एवं इस मे इन का साथ वहां रोज दरबार लगाने वाले वही अराजक तत्व देते हैं ।
हैरत की बात है कि पूरे शहर की सड़कों, राजमार्गों और गली नुक्कड़ पर कब्ज़ा किये बैठे इन पाम की गुमटी वालों पर किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों ,के डी ए एवं नगर निगम के अधिकारी ,कर्मचारी किसी की भी निगाह नही पड़ती एवं पुलिस का क्या कहना । सामान्य नागरिकों पर शेर की मानिंद झपटने वाली हमारी पुलिस के सिपाही,होमगार्ड इन पान की गुमटियों पर कब दृश्य मान हो जाएं गए ।
सवाल ये है कि सारे शहर की सड़कों राजमार्गों और गली नुक्कड़ से हो कर ही हम आप भी गुज़रते हैं और प्रशासन ,के डी ए,एमजीआर निगम के कर्मचारी व अधिकारी भी । निगाह सब की पड़ती है परंतु चांदी के कवर आखों पर लगने के कारण ही ये सारा गोरख धंधा जोर शोर से देर रात तक फलता फूलता है ।हर सरकारी अर्ध सरकारी प्राइवेट कार्यालय में इन की सप्लाई है । इन के मैटेरियल के बिना हर कार्यालय बैचैन रहता है । पुलिस विभाग की तो बात ही निराली है । यहां तो हर तरफ चौथा व्यक्ति इन के मैटेरियल का अभ्यस्त है । यही कारण है कि सारे शहर में अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर के अवैध रूप से पान शॉप और गुमटियां बना कर ये सारा अवैध कारोबार फल फूल रहा है और शहर के सभी अराजक तत्व इन अवैध पान शॉप और गुमटियों पर अपनी सारी कारगुज़ारी को किर्यान्वीत करने के लिए अपनी तमाम गतिविधिया देर रात तक जारी रखते हैं । इन पान शॉप और गुमटियों का प्रयोग अराजक तत्व कार्यालय के रूप में कर रहे हैं । हर थाना क्षेत्र में ऐसे अवैध रूप से बने कम से कम 100 पान शॉप व गुमरियाँ मिल ही जायेगीं । जब इस सम्बंध में सर्वेक्षण किया गया तो कहीं कहीं इस से ज्यादा सख्यां मिली । इस का मतलब तो यही है कि इन के लिए कोई कानून या नियम नही है । जो कुछ भी है वो सब मात्र सामान्य नागरिक के लिये ही है
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