◆ शहर भर से कई मौलाना पहुंचे मुबारकबाद देने छोटी मस्जि़द सुतर ख़ाना
◆ हाफिज़ दाऊद साहब 20साल से कानपुर के सुतर ख़ाना क्षेत्र मे बनी छोटी मस्जि़द मे हैं इमाम
◆ इमाम साहब के बेटे कॊ हाफिज़ बनने पर पूरे क्षेत्र मे ख़ुशी की लहर सभी ने मिठाई खिलाकर दी मुबारकबाद
◆ चन्द महीनो में पुरा कुरआन पाक याद कर बने हाफिज़
शावेज़ आलम✍✍✍
कानपुर । छोटी मस्जि़द सुतर ख़ाना के इमाम व खतीब हाफिज़ मोहम्मद दाऊद के छोटे बेटे सफीउल्लाह ने चन्द महीनों में पूरा कुरआन पाक याद कर लिया औऱ अल्लाह ने हिफाजते कुरआन का जो वादा क़िया हैं वादे के तहत इस बच्चे कॊ अल्लाह ने लाज़वाल आख़िरी क़िताब कुरआन पाक का हाफिज़ बनने का शर्फ बक्शा ।
हाफिज़ मोहम्मद दाऊद साहब ने अपने बयान में बताया की कुरआन पाक अल्लाह की आख़िरी क़िताब हैं जो अल्लाह ने अपने आख़िरी महबूब पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद सल्लाहो अलैहि वसल्लम पर नाज़िल फ़रमाई औऱ इस की हिफाज़त का जिम्मा ख़ुद उठाया l अब क़यामत तक इसमे कीसी किस्म की तब्दीली की कोइ गुंजाइश नही हैं कोइ कितनी भी कोशिश करलें लेकिन कुरआन पाक क़यामत तक के लिये हर किस्म की कमी व बेशी से महफूज़ रहेगा ।
वसीम रिज़वी जैसे पहले भी आते रहें हैं औऱ आते रहेंगे लेकिन चाँद पर थूकने से चाँद पर कोइ फर्क नही पड़ता बल्की वो उल्टा उसके मुँह पर आकर गिरता हैं इसी तरह कुरआन पाक में कमी-बेशी बताने वाला औऱ कमियाँ निकालने वाला ख़ुद बीमार ज़हनियत का मालिक हैं जिससे कुरआन पाक पर कोइ फर्क नही पड़ने वाला ।
हाफिज़ मोहम्मद दाऊद साहब ने ये भी क़हा की हम पर अल्लाह का एहसान हुआ क़ि उसने मेरे बेटे कॊ हाफिजे कुरआन बनाकर उनलोगों क़ि ज़माअत में शामिल कर दिया हैं जिनको अल्लाह ने अपनी क़िताब क़ि ज़िम्मेदारी दी हैं इस पर हम अल्लाह का जितना शुक्र अदा करें कम हैं ।
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