कानपुर । मोहम्मदी यूथ ग्रुप के ज़ेरे एहतिमाम पैगम्बर ए इस्लाम के नवासे, मौला अली के शाहबज़ादे, शहीद ए आज़म हज़रत इमाम हुसैन की यौम ए विलादत पर जशन ए इमाम हुसैन परम्परागत ढंग से सदभाव भाईचारे शान ओ शौकत अकीदत के साथ खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह की दरगाह कर्नलगंज ऊँची सड़क पर मनाया गया । फजिर की नमाज़ के बाद कुरानख्वानी का एहतिमाम किया गया प्रात: 10 बजे जशन ए इमाम हुसैन की शुरुआत हाफिज मोहम्मद वहीद बरकाती ने तिलावते कुरान पाक से की । शोरा ए कराम ने नात मनकबत पेश की जिसमे दुनिया हुसैन की है ज़माना हुसैन का, है आरज़ू वहा भी मिले दर हुसैन का नात मनकबत के बाद उलेमा ए दीन ने जशन ए इमाम हुसैन को खिताब करते हुये कहा कि जुल्म जिनाकारी नशाखोरी के खिलाफ व हक़ के लिए रसूल ए खुदा के नवासे इमाम हुसैन ने नानाजान की उम्मत को बचाने के वादे को निभाने के लिए अपनी शहादत देकर वादा निभाया। दुनियाभर में ज़ुल्म व हक़ की आवाज़ बुलंद करने की सीख उन्होंने दी ।
दुआ मे उलेमा ए कराम व खानकाहो के सज्जादानशीनो ने अल्लाह की बारगाह मे मदीने वाले आक़ा इमाम हुसैन के सदके मे हम सबको हज़रत इमाम हुसैन के बताये रास्तो पर चलने, नमाज़ की पाबंदी करने, दुनिया व मुल्क की कोरोना वायरस से हिफाज़त करने, हमारे मुल्क मे अमनो अमान कायम कर उसे तरक्की देने की दुआ की। दुआ के बाद खानकाहे हुसैनी के बाहर कैम्प लगाकर राहगिरो बच्चो को मिष्ठान का वितरण किया वितरण शाम से चलता रहा ।
जशन मे मोहम्मदी यूथ ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड, शमशुद्दीन फारुकी, मोहम्मद इदरीस, सैय्यद मोहम्मद तलहा, मोहम्मद शोएब, हाजी निज़ामुददीन, परवेज़ आलम वारसी, मोहम्मद नाहिद, जमालुद्दीन फारुकी, मोहम्मद युनुस खान, शारिक वारसी, मोहम्मद रईस आदि मुख्य थे ।
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