कानपुर । मोहर्रम की सात तारीख को हर साल की तरह इस साल भी खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह०अलै०) की दरगाह कर्नलगंज, ऊँची सड़क में परचम ए पंजतन पाक गुलज़ार कर गुलपोशी सलातो सलाम के बाद दुआ हुई ।
पंजतन पाक की गुलपोशी के बाद खानकाहे हुसैनी के बाहर साहिबे सज्जादा व मोहम्मदी यूथ ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड चिश्ती परचम ए पंजतन पाक को लेकर आए सोशल डिस्टेसिंग व शासन प्रशासन की गाइडलाइंस का पालन करते हुए हुसैन के चाहने वाले परचम ए पंजतन पाक पर फूल, इत्र, संदल पेशकर हक हुसैन, मौला हुसैन, नारे हैदरी या अली या अली दीन की पनाह हुसैन है मेरा बादशाह हुसैन है की नारों की सदाओं से खानकाह गूँज गयी । प्रोग्राम की शुरुआत तिलावते कुरानपाक से हाफिज़ मोहम्मद जाहिद ने की उसके बाद नात व मनकबत हुई जिसमें एक आमना का लाल, एक फातिमा का लाल नाना भी बेमिसाल नवासा भी बेमिसाल। इखलाक अहमद डेविड चिश्ती ने कहा हज़रत इमाम हुसैन ने दुनियां में मानवता, सदभाव, प्रेम, भाईचारा, अहिंसा का संदेश दिया।
दुआ में खानकाह के साहिबे सज्जादा इखलाक अहमद डेविड चिश्ती ने अल्लाह से अपने हबीब, मौला अली, हसनैन के सदके में हमारे मुल्क सूबे शहर में अमनों अमन कायम व खुशहाली तरक्की देने, कोरोना वायरस से निजात देने, गुनाहों की माफी, कुदरत के कहर से बचाने, मस्जिदों में जमात के साथ नमाज़ अदा करने, दहशतगर्द का खात्मा करने, फिरकापरस्त ताकतों को नेस्तनाबूद करने की दुआ की सलातो सलाम पेशकर परचम ए पंजतन खानकाहे हुसैनी मे गुलज़ार किया गया ।
खानकाहे हुसैनी मे इखलाक अहमद डेविड चिश्ती, शाहनवाज़ कादरी, हाफिज़ मोहम्मद ज़ाहिद, हाजी मोहम्मद अज़हर, हाफिज़ मुशीर अहमद, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद हफीज़, जुबैर इदरीसी, मोहम्मद मोहसिन, परवेज़ आलम वारसी, एजाज़ रशीद, लारैब रब्बानी, अफज़ाल अहमद आदि लोग मौजूद थे ।
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