
दानिश खान
कानपुर । बुधवार एक अहम मजम्मती मीटिंग बामुकाम दारुल कजा रज्बी रोड कानपुर मे मौलाना कमर गनी उस्मानी बानी तहरीके फरोगे इस्लाम की गिरफ्तारी से मुताल्लिक शहर क़ाज़ी कानपुर हजरत मौलाना मुफ्ती मोहम्मद साकिब अदीब मिस्बाही की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
जिसमें शहर के तमाम उलमा आइममा व बुद्धिजीवी ने शिरकत की।
शहर काजी कानपुर हजरत मौलाना मुफ्ती मोहम्मद साकिब अदीब मिस्बाही ने खिताब करते हुए कहा कि गुजरात एटीएस ने जिस ड्रामाई अंदाज में तहरीके फरोगे इस्लाम के सदर हजरत अल्लामा कमर गनी उस्मानी को गिरफ्तार किया है वह गैर दस्तूरी है और इंसाफ व कानून के साथ खुला मजाक है। अल्लामा कमर गनी उस्मानी एक मजहबी अलीमें दीन है जो मुसलमानों को शरीयत व सुन्नत की तालीम देते हैं और तहरीक ए फरोग ए इस्लाम दस्तूर व कानून पर यकीन रखने और उसी के मुताबिक काम करने वाली एक तंजीम है लिहाजा एक ऐसे आलमे दीन को गिरफ्तार करना और उस पर फर्दे जुर्म आयद करना कानून व ताकत का बेजा इस्तेमाल है उन्होंने सवाल कायम करते हुए कहा कि क्या एक जमहूरी मुल्क में अपनी आवाज उठाना मुसलमानों के हक़ व अधिकार की बातें करना जुर्म है ?
मुल्क के क़ानून ने हमें इसकी इजाजत दी है और हम हर पैराए पर अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे इससे हमें कोई हुकूमत या शहरी रोक नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि हम इसकी सख्त अल्फाज मे मुजम्मत करते हैं और हुकूमते हिंद व गुजरात से मुतालबा करते हैं कि मौलाना को जल्द रिहा किया जाए।
अल्लामा मुर्तजा शरीफी ने खिताब करते हुए कहा कि तहरीके फरोगे इस्लाम मुस्लिमों की एक आवाज है जहां वह बेकसूर लोगों के मुकद्देमात लड़ती है वही गरीब व बेसहारा लोगों का सहारा बनकर उनके चेहरों पर मुस्कान लाने की जद्दोजहद करती है अब ऐसे में तहरीक के बानी को गिरफ्तार करना मजबूर और मजलूम लोगों को मिसमार कर देने जैसा है ।
अल्लामा सैयद हमीयतुल्लाह तिरमजी ने कहा कि हमें यकीन है कोर्ट इस मामले में इंसाफ से काम लेगा और बेकसूर अल्लामा कमर गनी उस्मानी जो खलीफा है ताजुशरिया के उनको जल्द रिहा करेगा ताहम उन्होंने कहा कि हम तमाम इंसाफ पसंद लोगों से भी गुजारिश करते हैं कि वह इस मामले में अपना एहतेजाज दर्ज कराएं क्योंकि यह महज किसी एक शख्स का मामला नहीं बल्कि पूरी उम्मत का मसअला है।।
मीटिंग में खासतौर से अल्लामा असगर अली यार अल्वी , अल्लामा मुर्तजा शरीफी, अल्लामा मोहम्मद उमर कादरी, अल्लामा सैयद हमीयतुल्लाह तिरमजी, मौलाना शाह आलम, मौलाना मोहम्मद अबरार,मौलाना मुफ्ती रफी अहमद निजामी, कारी अब्दुर्रहीम बहराइची, मौलाना रजी अहमद अमजदी, कारी मतलूब बरकाती, मौलाना गुलाम मुस्तफा मोहम्मद सगीर आलम हबीबी, महबूब आलम खान, इस्लाम खान आज़ाद, अयाज अहमद चिश्ती, अखलाक अहमद डेविड, हाफिज मोहम्मद कफील , कलीम दानिश बरकाती, मौलाना इरफान, मौलाना शाकिर, मैनेजर मदरसा मोहम्मद हाशिम कुरैशी मु्ख्य रुप से मौजूद थे।।
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