कानपुर । महानगर कॉंग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर प्रकाश अग्निहोत्री के नेतृत्व में बड़ा चौराहा स्थित मुरारीलाल रोहतगी प्रतिमा स्थल पर काँग्रेस जनों ने प्रदेश व शहर की ध्वस्त पड़ी कानून व्यवस्था,लूट,अपहरण,डकैती,राहजनी,हत्या, बलात्कार,महिला व दलितों के साथ दरिंदगी आदि के विरोध में मौन धरना देकर मुख्यमंत्री और सरकार की कड़ी आलोचना की । सोशल डिस्टेंसिंग के तहत आयोजित इस मौन धरना में कॉंग्रेस ज़न बड़ी संख्या में ‘योगी तेरे राज में जंगलराज कायम है’ कानून व्यवस्था ध्वस्त है योगी सरकार मस्त है, अपराधियों को संरक्षण देना बंद करो’.’30 लाख की फिरौती मे पुलिस भूमिका की जांच हो’ तथा ‘संजीत यादव की सकुशल वापसी हो’ आदि लिखी तख्तियां हांथों मे लिए हुए थे । उन्होंने कहा कि विगत 22 जून 2020 को कानपुर निवासी पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव का बदमाशों ने अपहरण कर लिया था । आज करीब एक माह गुजरने के बाद भी संजीत यादव का कोई अता पता नहीं है । उन्होंने कहा कि संजीत यादव अपहरण मामले में पुलिस का अब तक रवैय्या बेहद आपत्तिजनक, असंवेदना पूर्ण और लापरवाही पूर्ण रहा है । पुलिस ने संजीत यादव को बचाने और अपहृत कर्ताओं को पकड़ने का कोई प्रयास नहीं किया उल्टे संजीत यादव के पीड़ित परिजनों को मजबूर कर दिया कि वह अपनी जमीन जायदाद और जेवर बेंच कर फिरौती का इंतजाम करें ताकि संजीत यादव को बचाया जा सके । उसे अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त नहीं कराया गया । उन्होंने बिकरू हत्याकांड की जांच सुप्रीम कोर्ट के किसी वर्तमान जज से कराए जाने की मांग की ताकि सच्चाई आम जनता के सामने वहीं पूर्व सांसद राकेश सचान ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार किसी मुगालते मे न रहे । यदि कानून व्यवस्था की स्थिति इसी तरह बिगड़ती रही तो सरकार की बर्खास्तगी के लिये कानपुर कॉंग्रेस का एक एक कार्यकर्ता लखनऊ कूच करने को मजबूर होगा । इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से दिया गया जिसे सिटी मजिस्ट्रेट ने धरना स्थल पर आकर प्राप्त किया । प्रमुख रूप से इकबाल अहमद, अशोक धानविक, कमल शुक्ला बेबी, कृपेश त्रिपाठी, ग्रीन बाबु सोनकर, नौशाद आलम मंसूरी, ईखलाख अहमद डेविड, सैमुअल लकी सिंह, संजय शाह, राजीव द्विवेदी, चंद्र मनी मिश्रा, तूफैल अहमद, निर्मल गुप्ता,एजाज रशीद आदि मौजूद थे ।
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