https://youtu.be/-Fbajm40WDM?si=8ALr6tZFE84w87uC
अमित शुक्ला
कानपुर, 20 मार्च: कानपुर में होली के बाद निकलने वाले ऐतिहासिक गंगा मेले की धूम रही। बुधवार को पूरे शहर में उत्साह का माहौल था। हटिया से परंपरागत तरीके से गंगा मेले की शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। रंग-गुलाल उड़ाते हुए लोग परंपरा का पालन करते नजर आए।
जिलाधिकारी श्री जितेंद्र प्रताप सिंह ने रज्जन बाबू पार्क में तिरंगा फहराकर मेले की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि अनुराधा नक्षत्र में मनाया जाने वाला यह मेला कानपुर की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने नागरिकों को होली और गंगा मेले की शुभकामनाएं दीं।
गंगा मेले की ऐतिहासिक परंपरा
यह मेला 1857 की क्रांति के बाद शुरू हुआ था, जब अंग्रेजों ने कानपुर में होली खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया था। तब लोगों ने गंगा स्नान कर होली मनाने की परंपरा शुरू की, जो आज भी चली आ रही है। 1942 में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी एक जिलाधिकारी ने होली खेलने से रोका था, तभी से यह परंपरा बनी कि जिलाधिकारी ही होली खिलवाते हैं।
शहरभर में दिखा उल्लास
गंगा मेले में लोगों ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर बधाइयाँ दीं। हटिया, स्वरूप नगर, परेड, नयागंज, बिरहाना रोड समेत कई इलाकों में जुलूस निकाला गया। इस दौरान पारंपरिक गीत-संगीत की प्रस्तुति ने समां बांध दिया।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
शहर में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया था। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी गई। प्रशासन की ओर से मेले को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए विशेष इंतजाम किए गए।
गंगा मेले की यह रंगीन छटा एक बार फिर कानपुर की समृद्ध विरासत और भाईचारे की मिसाल पेश कर गई।
Leave a Reply