कानपुर 18 मई खानकाहे हुसैनी में विलादते हज़रत इमाम हुसैन से हुसैनी लंगर 29 मार्च 3 शाबान से बदस्तूर जारी है। हुसैनी लंगर से गरीबों, मज़दूरो, बेसहारों की मदद इंसानियत-मानवता को जिन्दा रखने व लोगो में खिदमते खल्क के जज़्बे के पैगाम को आम किया जा रहा है। हुसैनी लंगर के आज 51 दिन पूरे हुए। लाकडाउन में गरीबों-मज़दूरो को खाना खिलाया व प्यासों को पानी पिलाया गया इस्लाम में इंसानियत के कामों मे हिस्सा लेने को सबसे बड़ा सवाब कहा गया है व खिदमते खल्क के कामों में मज़हब ढूंढने को गलत कहा गया। खानकाहे हुसैनी के साहिबे सज्जादा इखलाक अहमद डेविड चिश्ती ने बताया कि लाकडाउन के बीच विलादत ए इमाम हुसैन से हुसैनी लंगर 29 मार्च 3 शाबान से खानकाहे हुसैनी मे लंगर तैयार किया जाता है सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लंगर का वितरण गरीब मज़दूर भूखों को खानकाहे हुसैनी से किया जाता उसके बाद खानकाहे हुसैनी से जुड़े लोग कर्नलगंज,नई सड़क,मूलगंज,चमनगंज,ग्वालटोली, इलाको के मज़दूरो,बेसहारों भूखों को भोजन वितरण कर इंसानियत-मानवता की सेवा कर रहे है। आज 51वां दिन मे अभी तक 12750 मज़दूरो, बेसहारों भूखो को खाना खिला चुका । लंगर वितरण विलादते इमाम हुसैन,विसाल खातूने जन्नत,विलादते इमाम हसन व शहादत मौला अली के बीच भोजन अलग-अलग व्यंजनों व मिठास के साथ वितरण किया गया है ।
हुसैनी लंगर वितरण में खानकाहे हुसैनी के साहिबे सज्जादा इखलाक अहमद डेविड चिश्ती,हाजी मोहम्मद शाबान,मोहम्मद शाहिद चिश्ती,परवेज़ आलम वारसी,शमशुद्दीन फारुकी, मुबारक अली बकाई,मुबश्शीर निज़ामी,मोहम्मद हबीब, अफज़ाल अहमद,मोहम्मद हफीज़,मोहम्मद जावेद नईमुद्दीन, मोहम्मद वसीम कादरी,मोईनुद्दीन चिश्ती आदि लोग है।
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