कानपुर । जमीअत उलमा शहर कानपुर के नेतृत्व में उठने वाले शहर के सबसे पुराने,ऐतिहासिक व केन्द्रीय जुलूसे 12 रबीउल अव्वल को लाकडाउन की सरकारी गाइडलाइन को सामने रखते हुए इसकी तैयारियों पर विमर्श करने, गाइडलाइन के अनुसार शैक्षिक संस्थानों को खोलने के लिये कार्ययोजना तैयार करने,माहे रबीउल अव्वल1442 हिजरी को माहे रहमते आलम स0अ0व0 के रूप में मनाने जैसे अनेक मुद्दों को लेकर जमीअत उलमा शहर कानपुर की कार्यकारिणी की एक बैठक कार्यालय जमीअत उलमा शहर कानपुर रजबी रोड कानपुर में डा0 हलीमुल्लाह खां की अध्यक्षता में आयोजित हुई ।
बैठक में जुलूस को लेकर पदाधिकारियों ने कहा कि गाइडलाइन को ध्यान में रख कर जुलूस को निकालने की तमाम तैयारियां की जा रही हैं,जिला प्रशासन के अधिकारियों से मुलाक़ातें भी जारी हैं । इसके साथ ही जुलूस में शामिल होने वाली अंजुमनों की बैठक भी बुलाई जायेगी जिसमें सभी अंजुमनों के ज़िम्मेदारों से भी मश्विरा लिया जायेगा ।
शैक्षिक संस्थानों को खोलने के सिलसिले में मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने कहा कि 15अक्तूबर के बाद इस सिलसिले में अगर शासन की कोई गाइडलाइन आती है तो दारूल उलूम देवबन्द और जमीअत उलेमा हिन्द के वरिष्ठ लोगों से सम्पर्क करके उनसे मार्गदर्शन लेकर शहर के सभी मदरसा संचालकों की बैठक बुलाई जायेगी और शासन की गाइडलाइन के अनुसार कार्ययोजना बनाई जायेगी ।
माहे रबीउल अव्वल को माहे रहमते आलम स0अ0व0 के तौर पर मनाने को लेकर फैसला किया गया कि कोविड-19 के मद्देनज़र सरकार ने जिन चीज़ों की छूट दी है उसके पेशे नज़र प्रोग्राम पहले की तरह आयोजित किये जायेंगे और साथ-साथ आनलाइन प्रसारण भी किया जायेगा । ज़िम्मेदारों से प्रोग्रामों में मास्क,सैनिटाइज़र और डिस्टेंसिंग आदि का विशेष प्रबन्ध करने और अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिये कहा गया ।
बैठक में 17 अक्तूबर दिन शनिवार को आयोजित होने वाले आनलाइन तहफ्फुज़ खत्मे नुबुव्वत,तहफ्फुजे़ हदीस व मद्हे सहाबा कान्फ्रेंस की तैयारियों के सिलसिले में उलमा को ज़िम्मेदारियां तक़सीम की गईं ।
अन्त में हाल ही में दुनिया से रूख्सत हुए जमीअत उलमा के पदाधिकारी मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी रह0,मौलाना मुईजुद्दीन क़ासमी रह0 और हबीबुल्लाह अंसारी मरहूम के लिये ईसाले सवाब और दुआये मग़फिरत की गई ।
बैठक में नगर अध्यक्ष डा0 हलीमुल्लाह खां,महासचिव मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी के साथ मौलाना नूरूद्दीन अहमद क़ासमी,मौलाना मुहम्मद अनीस खां क़ासमी, मौलाना मुहम्मद अकरम जामई,जुबैर अहमद फारूक़ी, हामिद अली अंसारी,मुफ्ती अब्दुर्रशीद क़ासमी,मौलाना अंसार अहमद जामई,मौलाना आफताब आलम क़ासमी,मुफ्ती असदुद्दीन क़ासमी,मौलाना फरीदुद्दीन क़ासमी,मौलाना अनीसुर्रहमान क़ासमी,शफीक़ आलम,मौलाना मुहम्मद सईद खां क़ासमी,मुफ्ती अब्दुर्रशीद क़ासमी,मौलाना खलील अहमद मज़ाहिरी,मौलाना इनामुल्लाह क़ासमी,क़ारी अब्दुल मुईद चैधरी,मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी,क़ारी मुहम्मद ग़ज़ाली खां,मौलाना फरीदुद्दीन जूही,मौलाना सनाउल्लाह,मौलाना मुहम्मद ताहिर क़ासमी,मौलाना मुहम्मद उवैस,मौलाना कलीम अहमद जामई,मौलाना रिज़वान अहमद क़ासमी,रियाज़ अहमद,शारिक़ नवाब,हाफिज़ रेहान अली के अलावा अन्य कार्यकारिणी सदस्य व पदाधिकारी मौजूद रहे ।
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