कानपुर । रमजान मुबारक के मौके पर भैंस के मांस को तरसे रोजेदार ईद की मीठी सेवइयां के साथ मांस का भी तीखा स्वाद ले सकेंगे । जिलाधिकारी की पहल पर शनिवार 24 मई को कंपनी से मांस की आमद के रास्ते खोल दिए गए हैं । मांसाहारी जहां स्वादिष्ट मांस की दिव्यता से आनंदित होंगे वही मांस माफिया भी लाखों की कमाई के लिए सक्रिय हो उठे हैं,छोटे व मझोले मांस कारोबारियों के साथ मांसाहारीयों की लाक डाउन में लॉक हो चुकी जेबे कुछ अधिक ढीली करने की संभावना भी प्रबल है । प्राप्त जानकारी के अनुसार ईद के त्यौहार को देखते हुए जिला अधिकारी डॉ0ब्रह्मदेव राम तिवारी ने मांस बेचने की 2 दिन की मोहलत दी है उनके आदेश के आते ही मांस माफिया पहले की तरह सक्रिय हो गए हैं । मांस माफिया पहले से अधिक कीमत पर छोटे और मध्यम मांस कारोबारियों को कंपनी द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक कीमतों पर मांस उपलब्ध कराकर लाखों की कमाई के फेर में लगे हैं ।
विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि मांस कंपनी की ओर से 140 से ₹150 के बीच प्रति किलो की दर निर्धारित की जा सकती है । परंतु मांस माफिया दर निर्धारण के इंतजार में हैं,बावजूद इसके उनके द्वारा कारोबारियों को मांस प्राप्त करने की दर 188-190 व ₹195 प्रति किलो के हिसाब से पहले ही दर निर्धारित की जा चुकी है।
माफियाओं की दरों में अंतर इसलिए है अगर भैंस के आगे का हिस्सा लेना है तो रुपए 188 प्रति किलो पीछे का हिस्सा 195 और आगे पीछे दोनों भागों के मिले-जुले मास की कीमत ₹190 प्रति किलो फिक्स की गई है। जबकि मांस माफियाओं द्वारा तय की गई यह कीमतें पहले की अपेक्षा कहीं अधिक हैं पहले कारोबारियों को यही मांस 147 से ₹150 प्रति किलो की दर पर प्राप्त होता रहा है तथा दुकानदार ग्राहकों में 180 से ₹200 प्रति किलो की दर से बेचते रहे हैं, मगर अंधाधुंध कमाई की होड़ में फंसे मांस माफियाओं की इस लालच का खामियाजा गरीब ग्राहकों को 250 रुपए प्रति किलो की दर से मांस खरीद कर भोगना पड़ेगा।
मांस माफियाओं ने कई कारोबारियों को किया नजरअंदाज
कानपुर- मांस माफियाओं के पैमाने पर खरे न उतर सकने वाले कई छोटे दुकानदार उनके कोप भाजन का शिकार होने से नहीं बच सके कमाई के चक्कर में दलाल प्रवृत्ति के इन मास माफियाओं ने उन्हें लेश मात्र मांस नहीं दिया जिससे उनके चेहरे मुरझाए रहे । इन माफियाओं ने छोटे दुकानदारों से मनमानी कीमतें मांगी किंतु दुकानदारों ने इतनी अधिक कीमत चुकता कर पाने में असमर्थता व्यक्त की जिस पर मांस माफियाओ ने उनके मांस की बुकिंग नहीं की,माफियाओं की हरकत कारोबारियों व आम नागरिकों में चर्चा का विषय बनी हुई है स्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन को माफियाओं पर लगाम लगानी चाहिए।
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