कानपुर । समाजवादी व्यापार सभा कानपुर ग्रामीण ने आज विसंगतिपूर्ण जीएसटी के विरुद्ध राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन देते हुए व्यापारियों की सहमति व राय लेकर जीएसटी में उचित बदलाव करने की मांग रखी । समाजवादी व्यापार सभा कानपुर ग्रामीण का प्रतिनिधि मण्डल प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता व कानपुर ग्रामीण अध्यक्ष विनय कुमार के नेतृत्व में मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचा जहां सहायक कमिश्नर राजाराम (आईएएस) ने ज्ञापन लिया । ज्ञापन में कहा गया की 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होते ही उत्तर प्रदेश के करोड़ों व्यापारियों पर बहुत बुरा असर पड़ा । जटिल व विसंगतिपूर्ण जीएसटी बिना राय सलाह के लागू कर दी गई जिसका उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश के व्यापारियों ने विरोध किया । नोटबन्दी के बाद इंसेक्टर राज व जटिलता को बढ़ाने वाली जीएसटी की वजह से लाखों व्यापारी व्यापार बंद करने को मजबूर हुए । जीएसटी इतनी जटिल व विसंगतिपूर्ण है कि लागू होने के बाद से अब तक लगभग 900 से ज़्यादा संशोधन हो चुके हैं जो इस बात का प्रमाण हैं की सरकार ने बगैर तैयारी बगैर सलाह किये और बगैर व्यापारियों को विश्वास में लिए ही नोटबन्दी की ही तरह जीएसटी भी लागू कर दी थी । जीएसटी इतनी जटिल और अव्यवहारिक है की स्वयं विभाग के अधिकारी व सीए/अधिवक्ता भी इसको समझ नहीं पाते हैं तो आम व्यापारी इसको क्या समझेगा । किसी भी संशोधन से पहले व्यापारियों से कोई बातचीत नहीं की गई और न ही जीएसटी को लेकर व्यापारियों की परेशानियों को जानने का कोई प्रयास ही किया । प्रतिदिन एक नया प्रावधान लागू कर दिया जाता है जिसकी क्रियान्वन करना व्यापारियों के लिए बेहद मुश्किल भरा है । वन नेशन वन टैक्स का वादा करके भाजपा सरकार ने अपने खजाने को भरने के लिए पेट्रोल,डीज़ल,बिजली को जीएसटी से बाहर रखा । ज्ञापन में आगे कहा गया की भाजपा सरकार ने जल्दबाजी में बगैर तैयारी बगैर सलाह के नोटबन्दी,फिर जीएसटी और फिर लाकडाउन लागू करके देश विशेषकर उत्तर प्रदेश के करोड़ों व्यापारियों को बर्बाद कर दिया है । जटिल विसंगतिपूर्ण जीएसटी की वजह से व्यापारी भयंकर तनाव में हैं और समस्याएं झेल रहे हैं । इंस्पेक्टरराज व उत्पीड़न की अति है जब 4 साल में जीएसटी में 900 से ज़्यादा संशोधन करने पड़े और अधिकारी,सीए,अधिवक्ता व व्यापारी इसको नहीं समझ पा रहे तो ऐसी जीएसटी व ऐसे कानून का क्या मतलब । यह व्यवहारिक नहीं है अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि जीएसटी व्यापारियों के लिए कोरोना जैसी महामारी ही साबित हुई है । ज्ञापन के माध्यम से मांग रखी गई की वर्तमान स्वरूप में जीएसटी को रद्द करके व्यापारी प्रतिनिधियों से सलाह करने के बाद ही उचित बदलाव करके नया कानून बनाएं ताकि व्यापार लायक माहौल बन सके । यह देश और व्यापारियों के हित में होगा । प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता,कानपुर ग्रामीण अध्यक्ष विनय कुमार,ग्रामीण महासचिव मो इमाममुद्दीन, शेषनाथ यादव,आयुष सिंह,मेराज खान, नीरज वर्मा,सुमीत यादव, मधुबन विश्कर्मा,सोनू वर्मा,नितिन सिंह आदि थे ।
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