कानपुर । नवास-ए-रसूल शहज़ादए मौलाए काएनात जिगर पारए मख़्दूमए काएनात इमामे उम्मत हज़रते सय्यदना इमामे हसन मुज्तबा रजि अल्लाहु अन्हु की शान इतनी अज़ीम व बुलंद है कि इमामे ज़माना हज़रते इमामे हुसैन रजि अल्लाहु अन्हु भी आपको अपना इमाम तस्लीम फरमाते थे और फरमाते कि जिन्दगी के बहुत से उतार चढ़ाव व दीनी बातें मैंने अपने इमाम (भाई) हसन से सीखी हैं कहा कि
सरकारे इमामे हसन के फज़ाएल में बहुत सी हदीसें वारिद हैं जिनमें आपके बड़े फज़ाएल बयान किये गए हैं ।
आप बड़े ही आबिद व ज़ाहिद और दीने हक़ के सच्चे पासबान थे ।
इससे पहले जलसे का आगाज़ तिलावते क़ुरान पाक से क़ारी तन्वीर निज़ामी ने किया मौलाना इरफान क़ादरी,हाफिज़ ज़ुबैर क़ादरी,मौलाना तौक़ीर ने नात पाक पेश की जलसा सलातो सलाम व दुआ के साथ खत्म हुआ कन्वीनर मोहम्मद फरीद ने आए हुए मेहमानो का शुक्रिया अदा किया इस मौक़े पर हयात ज़फर हाशमी,मोहम्मद शरीफ,मोहम्मद नवाब,मोहम्मद सलीम, मोहम्मद आफ़ाक़,मोहम्मद ज़ीशान,मोहम्मद फरमान, मोहम्मद शमीम,मोहम्मद नसीम,अख्तर रज़ा खाँ आदि लोग मौजूद थे ।
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