कानपुर । भारत का युवा अपने मंदिर और मठों के सम्मानित संतों और महंतों से पूछना चाहता है कि जब बड़े बड़े नशे के विज्ञापनों के साथ हमारी आत्मा राम, कृष्ण, श्याम प्रभु खाटू, मां भगवती के चित्रों के साथ छापे जाते हैं तो आप मौन क्यों रहते हैं l आप समाज को दिशा देने एवं धर्म का प्रचार व प्रसार करने के ह्रदय स्थल हैं फिर क्यों आपने इन गलत नीतियों का मुखर विरोध नहीं किया, इसके लिए इतिहास आपको कलंकित करेगा,उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में करोना मिटाओ- नशा हटाओ पेड़ लगाओ अभियान के तहत ऑनलाइन संगोष्ठी शीर्षक ” क्या नशे की अंधी सुरंग में गुम होता भारत का वर्तमान है ” पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कहीं ,ज्योति बाबा ने आगे कहा कि छोटे छोटे तुच्छ मुद्दों पर सांसारिक लोगों की तरह कोर्ट कचहरी करने वाले सम्मानित महंत और संत का कभी देश के बचपन को नशे के रोग से बचाने हेतु आवाज बुलंद क्यों नहीं करते हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन कह रहा है कि भारत में सिगरेट ,पान मसाला खाने की न्यूनतम उम्र 6 वर्ष आ चुकी है क्या आप कभी समझेंगे जब बच्चा पैदा होते ही दूध की जगह सिगरेट व पान मसाले की मांग करेगा ।
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