कानपुर । शहर में नारी सशक्तिकरण पर काम कर रही महिलाओं में से एक हैं मिथिलेश गुप्ता जो एक सोशल एक्टिविस्ट के साथ साथ एक व्यापारी नेता भी है । वे सन् 2004 से लगातार छोटे-छोटे समूह बनाकर सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों की मदद से महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करती आ रही हैं । सन् 2018 में उन्होंने “अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल” से जुड़कर कानपुर में महिला इकाई का गठन किया जिसमें आज सैकड़ों महिला सदस्य हैं इनमें से कई महिलाओं का रोजगार आज गुप्ता की देन है । हाल ही में सरकार द्वारा शराब बिक्री को मिली छूट को लेकर मिथलेश गुप्ता काफी नाराज और निराश हैं उनका कहना है कि जहां एक ओर 40 दिनों से लाकडाउन के चलते घर के पुरुष वर्ग को शराब छोड़ने का एक अच्छा अवसर मिला था वहीं दूसरी ओर शराब उपलब्ध होते ही वे हिंसा पर अमादा हो गए हैं, क्योंकि लाकडाउन के चलते आमदनी तो ठप थी ही खर्चे भी लगभग दोगुने हैं और बचत तो हम महिलाएं नोटबंदी के दौर में ही गवा चुके है ऐसे में अपने पति को शराब पिलाने के लिए अब हमारे पास हमारे गहने और जेवर ही हैं जिन्हें भी हमें एक दिन खोना पड़ सकता है । पिछले दो दिनों में बड़े हिंसक अपराध घरेलू हिंसा की ओर भी इशारा कर रहे हैं ऐसे में आज मिथिलेश गुप्ता अपने पैनल के विधि सलाहकार चिकित्सा सलाहकार मनोयोग एवं मनोचिकित्सा सलाहकार के संग बैठक कर घरेलू हिंसा के मुद्दे पर एक ठोस कदम उठाएंगी जिसमें कि उन्होंने कई अन्य सामाजिक संगठनों से भी साथ आने की अपील की है ।
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