कानपुर । अभिभावकों ने ऑनलाइन क्लास बंद करने या क्लास का समय सीमित करने के लिए आज मंडलीय शिक्षक निदेशक व जिला विद्यालय निरिक्षक कार्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मांगपत्र दिया।दर्जनों अभिभावकों का नेतृत्व कर रहे अभिमन्यु गुप्ता व मोना मालवीया ने मांगपत्र के माध्यम से कहा की छोटे बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास की अनिवार्यता खत्म होनी चाहिए क्योंकि बच्चे सीख कम रहे हैं और तनाव में ज़्यादा हैं।नो स्कूल,नो फीस,नो ऑनलाइन क्लास का नारा भी लगाया।अभिमन्यु गुप्ता ने भारत सरकार की प्रज्ञाता नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि कक्षा 8 तक के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई की स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों से बचाव के लिए भारत सरकार ने प्रज्ञाता नीति बनाई है जिसके तहत प्राइमरी सेक्शन के बच्चों की पूरे दिन में केवल 30 मिनट की क्लास व 1 से 8 तक के बच्चों के किये पूरे दिन में केवल 90 मिनट की क्लास ही हो सकती है।लगातार कई दिनों से ऑनलाइन पढ़ाई करते करते बच्चों को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और बच्चों के स्वास्थ पर भी प्रतिकूल असर पर रहा है।इसलिए बेहद आवश्यक है कि ऑनलाइन क्लास कम की जाएं और वे अनिवार्य न हों।वरना बहुत छोटी उम्र में ही बच्चों को चश्मा लग जाएगा। अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास तो होनी ही नहीं चाहिये क्योंकि उससे बच्चा सीख कम रहा है और बीमार ज़्यादा हो रहा है।जो स्कूल अभी तक मोबाइल,लैपटॉप,टीवी को बच्चों के लिए हानिकारक बताते थे वो स्कूल कोरोना बंदी के वक़्त फीस को जायज़ ठहराने के लिए ऑनलाइन क्लास के माध्यम को ही प्रयोग में ले रहे हैं।ये गलत है।सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे गरीब व कमज़ोर वर्ग के बच्चोँ का क्या होगा जिनके पास ऑनलाइन क्लास के किये कोई व्यवस्था व साधन नहीँ हैं।वो तो शैक्षिक सत्र में बड़े व निजी स्कूलों की तुलना में पीछे ही रह जाएंगे।ऑनलाइन क्लास निजी स्कूलां द्वारा केवल अपनी फीस की मांग को जायज़ ठहराने की साज़िश है।मोना मालवीया ने कहा कि अभिभावक ऑनलाइन क्लास के लिए स्कूलों को इतनी भारी भरकम फीस नहीं दे रहे।स्कूलों को अब क्लास की समय के अनुरूप ही फीस लेना चाहिए और ऑनलाइन क्लास की अनिवार्यता खत्म करनी चाहिए।अभिमन्यु गुप्ता,मोना मालवीया,आकाश,विशु अरोड़ा,प्रज्ञा आदि काफी संख्या में अभिभावक मौजूद रहे ।
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