चादर दें,पन्नी दें,बांस दें अगर ये न दें सकें तो आकर लावारिस शवों क़ो कन्धा दें
शावेज़ आलम✍✍✍
कानपुर । समाज कल्याण सेवा सीमिति के तत्वाधान मे कानपुर नगर मे चलाए ज़ा रहें अभियान न कोइ लावारिस पैदा हुआ हैं और न कोइ लावारिस मरेगा इस मुहिम के आगाज़ के तहत 15मार्च 2009 सें कानपुर नगर मे लावारिस शवों का ससम्मान अन्तिम संस्कार कराया जा रहा हैं ।
सिमिति के द्वारा अभी तक लगभग 9800 सौ लावारिस शवों का ससम्मान अन्तिम संस्कार कराया ज़ा चुका हैं । आज़ दिनांक 06/01/2021 क़ो प्रतिवर्ष की भाँति ईसाई समुदाय द्वारा कन्धा दान का कार्यक्रम आयोजित हुआ । जिसमें शहर के अनेकों गणमान्य लोगो ने शिरकत की सर्वप्रथम मृतक शरीर की आत्म शान्ति के लिए प्रभु इशू सें प्रार्थना की गयीं तदोपरांत फ़ूल मालाओ सें लदी शव यात्रा का मौजूदा महिलाओं व पुरुषो द्वारा फूलो की वर्षा करते हुए दिवंगत क़ो श्रधांजलि दी गयीं । शव यात्रा का मार्ग फूलो सें पट गया यह नज़ारा देख राहगीरों ने भी रुककर जानकारीं ली व इस मानवतापूर्ण कार्य की सराहना की ।
सिमिति के महासचिव धनीराम पैंथर ने कहा दुनिया मे जन्म लेने वालो के माता पिता, भाई बहन व नाते रिश्तेदार होते हैं किन्तु दुर्घटना आदि कारणो सें अज्ञात स्थल पर मृत्यु हो जाने के कारण तथा अपनी पहचान मिटने की वज़ह सें वह लावारिस हो जाता हैं और उनके शवों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव हुआ करता था । शवों क़ो नदी मे कुत्ते, कउवे व जंगली जानवर नोंच नोंच के खाते थे । यह देख कर दिल सहम जाता था तब मन मे मानवता की सेवा का प्रण लिया और एक नज़ीर पेश की सभी लावारिस शवों का परिवार की भांति उनके धर्मानुसार अन्तिम संस्कार कराया ज़ा रहा हैं ।जिससे कानपुर नगर मे एक भी लावारिस शव गंगा नदी मे नहीं बहाया गया ।
कन्धादान कार्यक्रम मे पूर्ण रूप सें पूर्व विधायक सतीश निगम, पास्टर जितेन्द्र सिंह,पास्टर सैमुअल सिंह, पास्टर पप्पू यादव आदि सैकड़ो लोग उपस्तिथ रहें ।
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