कानपुर । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पूर्व की भांति इस बार भी 2 अक्टूबर 2020 को 151वी गांधी जयंती समारोह को वैश्विक कोरोना- 19 महामारी से बचाव के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों जैसे मास्क, फेस कवर प्रयोग ,सैनिटाइजेशन, व सोशल डिस्टेंसिंग आदि का अनुपालन करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य,शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों द्वारा मनाया गया।इस शुभ अवसर पर प्रधानाचार्य राकेश कुमार यादव द्वारा विद्यालय मे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया।प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों द्वारा विद्यालय में प्रातः 9:00 बजे महात्मा गांधी एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण किया । इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश कुमार यादव एवं शिक्षकों द्वारा गांधी जी के जीवन संघर्ष उनकी देश सेवा तथा उनके जीवन मूल्यों पर प्रकाश डाला और साथ ही साथ यह बताया गया कि महात्मा गांधी जीवन पर्यंत निर्बल एवं कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए संघर्ष किया।उनकी अवधारणा पर भी प्रकाश डाला गया।देश की एकता और अखंडता भावनात्मक एकता को बरकरार रखने में उनके द्वारा किए गए अविस्मरणीय योगदान के संबंध में भी चर्चा किया गया। साथ ही साथ लाल बहादुर शास्त्री के जीवन और उनके द्वारा किए गए देश सेवा को याद किया गया । इस अवसर पर ऑनलाइन स्टडी ग्रुप के माध्यम से महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर छात्रों के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता तथा निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से विद्यार्थी जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर समाज में समता और समरसता लाने के संबंध में चर्चा हुई। विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश कुमार यादव ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर हमारे देश के उन सहसो ज्ञात हुआ अज्ञात स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं क्रांतिकारियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का बेहतर अवसर है।जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की बलिवेदी पर अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। यह दिन हम सब को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों सिद्धांतों तथा उनके सद् विचारों को अपनाने के साथ ही साथ उनके पद चिन्हों पर चलने का शुभ अवसर प्रदान करता है सत्यागृह तथा सविनय अवज्ञा आंदोलन के माध्यम से उन्होंने सभी वर्गों में आजादी की लौ को प्रज्वलित किया देश की राजनीतिक सांस्कृतिक तथा सामाजिक समरसता के माध्यम से महात्मा गांधी ने राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोकर सशक्त बनाने की अप्रतिम भूमिका का निर्वहन किया ।
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