कानपुर । लॉक डाउन के कारण ठहरी ज़िंदगी मे भी लोग अपनी माँ को नही भूल सके,और भूले भी क्यूँ आखिर माँ वह हस्ती है जो अपनी औलाद के लिए सारे दुख बर्दाश्त कर लेती है,ताकि उसके बच्चोँ को कभी किसी तकलीफ का सामना न करना पड़े । इसी मदर्स डे पर समाज का हर व्यक्ति अपनी माँ के लिए कुछ न कुछ कर रहा है तो वही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की महिला अध्यक्ष हेमलता शुक्ला ने अपनी माँ के लिए कविता तक लिख दी जिसकी समाज का हर वर्ग बहुत पसंद कर रहा है ।
क्या लिखूं मैं माँ के लिए माँ ने तो मुझे लिख दिया
माँ की ममता का कोई पर्याय हो
नही सकता पूरी दुनियां में माँ तेरे जैसा कोई हो ही नही सकता
माँ आप हो नही इस दुनियां में बहुत याद आती हो जीना मुश्किल पड़ जाता है
पर आपका आशीर्वाद और आपके दिए हुए संस्कार हमेशा मेरे साथ होते है
जो मुझे मुश्किलह से मुश्किल दिनों में धीरज देते है
माँ आप ही बोलती थी कि कोई भी मुश्किल हो बस मुस्कराते रहना
अपना दुःख किसी को मत बताना नही तो हँसी के पात्र बन जाओगी
पेट मे रोटी हो या ना हो पर चेहरे में कोई सिकन नही होनी चाहिए
किसी के साथ कभी बुरा मत करना जितना हो सके भला ही करना
माँ आप हर जन्म में मेरी ही माँ बनना
आपने ने बोला था अगर बहुत बड़ी मुश्किल हो तो बस ये याद कर लेना ।
वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो तुम कभी रुको नही तुम कभी झुको नही
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