कानपुर । अखिल भारतीय पीड़ित अभिभावक महासंघ,उन्नाव अभिभावक संघ एवं मायरा फाउंडेशन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में बच्चों ने अपने स्कूल,बैग,कॉपी-किताब अग्नि में स्वाहा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया । बच्चों द्वारा नो स्कूल,नो फीस.फीस गले की फांसी है,जनता भूखी प्यासी है योगी बाबा रहम करो, कुछ तो अच्छे कर्म करो.बच्चों की करुणा भरी पुकार,बंद करो फीस का अत्याचार जैसे जोरदार नारे लगाए । कार्यक्रम संयोजक राकेश मिश्रा,सुनीत तिवारी लक्ष्मी निषाद ने अपने संयुक्त वक्तव्य में बताया कि प्रदेश सरकार ने 19 अक्टूबर से स्कूल खोलने का निर्णय ले लिया और हद तो तब हो गई जब सरकार और निजी स्कूलों ने मिलकर बच्चों को भेजने की जिम्मेदारी अभिभावको पर डाल दी क्या आपने सोचा कि देश मे कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध नही होने के बाद भी हमारे बच्चों की जान जोखिम में डालने की तैयारी कर स्कूल खोलने का निर्णय ले लिया गया आखिर अगर बच्चों को कुछ हो गया तो सरकार जिम्मेदार होगी या निजी स्कूल संचालक इसका जबाब किसी के पास नही तो क्या हम अपने बच्चों की जान जोखिम में डाल कर स्कूल भेजने के लिए तैयार है इसका निर्णय हमे स्वयं करना होगा की हमारे बच्चे शोध की प्रयोग शाला नही बल्कि हमारी जान है । इस बात पर उन्नाव अभिभावक संघ के अध्यक्ष सुनीत तिवारी और लक्ष्मी निषाद ने कहा कि यदि कोरोना वैक्सीन का ट्रायल करना है तो नेताओं और आईएएस अधिकारियों पर होना चाहिए । कार्यक्रम में प्रमुख रुप से सहयोग रहा नवीन अग्रवाल,सौरभ त्रिपाठी,एडवोकेट विवेक हिंदू,विवेक दुबे,संजीव चौहान,एडवोकेट मीनाक्षी गुप्ता,देवजीत सान्याल,रमाकांत, हरिशंकर प्रजापति,आशीष शुक्ला,वसीम अहमद इत्यादि ।
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