*ध्रुव ओमर/आज़म*
कानपुर । शहर के आला अधिकारी शहर की जन समस्याओं को देखते हुए शहर के भविष्य पे कार्य कभी नही करते या तो ये किसी शहर में कोई घटना हो जाती है तब जागते हैं या फिर अपने शहर में कोई दुर्घटना का इंतज़ार करते हैं । जैसे कि सब को मालूम है कि बारिश का मौसम है और शहर में मानसून ने जबरदस्त दस्तक दी हुई है शहर में 4 बारिश ने ही नगरवासियों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है । बारिश के कारण जर्जर मकानों का गिरने का सिरसला की पहल 40/133 तोपखाना बाजार के मकान से हो चुकी इस मकान के मालिक ज़ैद बिलाल और किरायदार मो. असलम के बीच कानपुर न्यायलय में मुकदमा विचाराधीन है । मकान मालिक के अनुसार पूरा मकान जर्जर हो चुका है । किरायदार मो. असलम से भी कई बार मकान उतारने को कहा था तथा इस की जानकारी शहर के आला अधिकारियों समेत सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को लिखित में पिछले साल ही दी जा चुकी उस के बावजूद कोई कार्यवाही नही हुई थी । आज ये मकान का आधा हिस्सा गिर गया कोई जान माल का नुकसान नही हुआ । परन्तु अभी आधा हिस्सा उसी जर्जर हालत में खड़ा है जो कभी भी गिर सकता है। अगर ये हिस्सा गिरता है तो अगल-बगल रहने वालों पे गिरेगा जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का रूप ले सकता है । ऐसे न जाने शहर में कितने जर्जर मकान खड़े किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहे है। जब शहर में इस तरह की कोई घटना हो जायेगी तो शहर के अधिकारियों की नींद खुलेगी फिर दस्तों का गठन होगा और ऐसे जर्जर मकानों को चिन्हित किया जाएगा तब तक बारिश जा चुकेगी और फिर सब ठंडे बस्ते में और शहरवासियों की ज़िंदगी राम भरोसे चलती रहेगी।
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