कानपुर । किसानों के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सरवन सोनी ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन के दौरान अध्यक्ष ने कहा कि स्वामीनाथ आयोग की सिफारिश है की फसल का काम उत्पादन लागत में 50% लाभांश जोड़कर तय किया जाए इस सिफारिश को लागू करने की भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के मोदी की घोषणा को देखते हुए किसानों जमकर वोट किया था ।रामस्वरूप भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार की केंद में बनी बदले में सरकार यह निम्न विरोधी अध्यादेश किसानों को दे रही है । इन आदेशों को किसान संगठन कंपनियां राज के रूप में देखता है बिहार में मंडी व्यवस्था खत्म है व मार्केट फोजेस सक्रिय है । भारत का क्षेत्रफल पूरी दुनिया के क्षेत्रफल का मात्र 2% है पूरी दुनिया के 20% लोग रहते हैं परिणाम स्वरूप बेरोजगारी जैसी भयंकर समस्याएं लगातार बढ़ रही । केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए अध्यादेश वापस लिए जाएं अगर हमारी मांगे पूरी नहीं की गई भारतीय किसान यूनियन रोडो पर आकर संघर्ष करेगी ।
Leave a Reply