कानपुर । प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा लगातार भू माफियाओं पर नकेल कसने की बात कही जा रही है पर आए दिन प्रदेश में ऐसे मामले देखने को मिलते हैं जिनमें भू माफिया पीड़ित परिवार की जमीनों पर जबरन कब्जा करते हुए देखे जाते हैं । ऐसे ही एक पुश्तैनी जमीन पर कब्जे का मामला विनायकपुर क्षेत्र में देखने को मिला । जहां पुश्तैनी जमीन पर कुछ दबंगों द्वारा जबरन मकान का ताला तोड़कर जमीन पर कब्जा कर लिया गया । जब घटना की जानकारी पीड़ित परिवार को हुई तो पीड़ित परिवार की ओर से कानपुर के पुलिस उपायुक्त से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई गई । बताते चलें विनायकपुर के रहने वाले रोहित कुशवाहा की पत्नी अनिता कुशवाहा ने मंगलवार की सुबह कानपुर के पुलिस उपायुक्त से मुलाकात की और बताया की अनिता के बाबा ससुर भगवानदीन कुशवाहा द्वारा उक्त जमीन अनिता के पति रोहित कुशवाहा देवर अनुज कुशवाहा और जेठ अभिषेक कुशवाहा के नाम वसीयत की थी । पीड़िता की माने तो उसके बाबा ससुर की मृत्यु होने के पश्चात इन सभी के नाम राजस्व अभिलेखों के इंतिखाफ खतौनी में दर्ज है । प्रार्थिनी की बातों को सत्य माने तो स्वर्गीय साधुराम कुशवाहा के बेटे संतोष कुशवाहा,विजय कुशवाहा,मंगल कुमार के द्वारा उसकी पुश्तैनी जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है जिसकी शिकायत पीड़ित महिला द्वारा पुलिस उपायुक्त से की गई । पीड़िता ने बताया की पीड़िता के बाबा ससुर द्वारा आरोपियों के खिलाफ 2008 में थाना कल्याणपुर में 420,467, 468, 471, 406, 462 जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था पर आरोपियों की पकड़ और रुतबे के चलते स्थानीय पुलिस द्वारा बिना किसी जांच के मामले में अंतिम रिपोर्ट लगा दी गई । जिस से बेखौफ होकर उक्त दबंगों द्वारा प्लाट का ताला तोड़ जबरन अवैध निर्माण कराया जाने लगा । जैसे ही घटना की जानकारी पीड़िता को हुई तो पीड़िता अपने पति,जेठ और देवर के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर अवैध रूप से चल रहे कार्य को रुकवा कर घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी । पीड़िता ने बताया कि स्थानीय पुलिस की ओर से दोनों पक्षों का 151 में चालान कर दिया गया । जिससे नाखुश होकर पीड़िता द्वारा उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई गई है । जहां प्रदेश के मुखिया और जिले के आला अधिकारियों द्वारा लगातार भू माफिया पर नकेल कसने की बात कही जा रही है तो वही आज भी भू माफियाओं द्वारा जबरन घर का ताला तोड़ अवैध निर्माण कराया जा रहा है अब देखना यह है कि पुलिस उपायुक्त से लगाई गुहार का पीड़िता को कितना लाभ मिलता है ।
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