
शावेज़ अलम✍️✍️👇👇
कानपुर— महाकुंभ का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण स्नान महाशिवरात्रि 26 फरवरी को होगा। इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंचेंगे। श्रद्धालुओं की भीड़ को सुचारू रूप से नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए रेलवे ने अपनी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। भगदड़ जैसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए रेलवे अधिकारी पूरी तरह सतर्क हैं और विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
437 विशेष ट्रेनों का संचालन, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
कानपुर सेंट्रल स्टेशन के निदेशक आशुतोष सिंह ने प्रेसवार्ता में बताया कि 8 जनवरी से 19 फरवरी तक कुल 437 विशेष ट्रेनें चलाई गई हैं। 26 फरवरी को होने वाले अंतिम स्नान पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए RPF, GRP और लोकल पुलिस की विशेष टीमें प्लेटफार्मों पर तैनात रहेंगी।
इस बार भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्लेटफार्म 2 और 3 से प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई है। ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया गया है कि ट्रेनों को उनके निर्धारित प्लेटफार्म से ही चलाया जाए, जिससे यात्रियों को प्लेटफार्म बदलने की परेशानी न हो।
श्रद्धालुओं को सुविधाजनक यात्रा के लिए विशेष प्रबंधन
स्टेशन निदेशक ने बताया कि प्रयागराज से आने वाली ट्रेनों के यात्रियों को पहले कानपुर में व्यवस्थित रूप से उतारने के बाद, प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में बैठाकर दोबारा भेजने की योजना बनाई गई है। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी CCTV कैमरों के माध्यम से की जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
रेलवे प्रशासन श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की अलग-अलग शिफ्ट में ड्यूटी लगा रहा है, जिससे यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाया जा सके।
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