शावेज़ आलम
जयपुर। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हनुमान जी को दलित और पिछड़ी जाति का बताया था। ऐसे में अब उनके खिलाफ सर्व ब्राह्मण महासभा ने मोर्चा खोल दिया है। महासभा ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए योगी से माफी मांगने की मांग की है।
महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने इस मामले पर योगी को कानूनी नोटिस भेजा है। साथ ही इस मामले पर तीन दिनों के अंदर माफी मांगने के लिए कहा है। गौरतलब है कि योगी ने राजस्थान में एक चुनावी सभा में हनुमानजी को वंचित और लोक देवता बताया है।
पंडित सुरेश मिश्रा ने कहा कि हनुमान के स्मरण से ही व्यक्ति की सारी परेशानियां दूर हो जाती है। वंचित भी हनुमान जी की शरण में जाकर सबल हो जाते हैं। ऐसे भगवान का योगी द्वारा अपमान करना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस बयान से पूरे हिंदू धर्म के भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
उन्होने कहा, योगी जी को इस अभद्र टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो तीन दिन में उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होगी।
गौरतलब है कि अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित करार दिया. योगी ने कहा कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं।
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