कानपुर 12 मार्च मोहम्मदी यूथ ग्रुप के ज़ेरे एहतिमाम आले नबी औलादें अली हज़रत ख्वाजा सैय्यद मोईनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी संजरी गरीब नवाज़ (रह०अलै०) की यौम ए विलादत पर जशन ए गरीब नवाज़ परम्परागत ढंग से खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह०अलै०) की ऊँची सड़क स्थित दरगाह पर भाईचारे का संदेश देकर मनाया गया।जशन ए गरीब नवाज़ की शुरुआत तिलावते कुरान-ए-पाक से हुई शोरा ए कराम ने नात-मनकबत पेश की जिसमें “तेरी शान ख्वाजा ए ख्वाजगा तुझे बेकसो का ख्याल है, मेरा बिगड़ा वक्त सवार दो, मेरे ख्वाजा सबको नवाज़ दो तेरी एक निगाह की बात है, यहां भीख मिलती बेगुमा ये बड़े सखी का आस्तां यहा सबकी भरती है झोलियां ये बड़े गरीब नवाज़ है, हिंद के सारे वली तेरी रियाया”।
मोहम्मदी यूथ ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड ने कहा कि पैगम्बर ए इस्लाम हुज़ूर सरकार सैय्यद मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) ने गरीब नवाज़ से कहा था कि ऐ मोईनुद्दीन तू हमारे दीन का मोईन (मददगार) है। हमने हिन्द की खिलाफत तुझे अता की है। मुख्तार ए कायनात का हुक्म पाकर 586 हिजरी मे ख्वाजा गरीब नवाज़ हिंदुस्तान मे आये हिंदुस्तान की सरज़मीं से गरीब नवाज़ ने मोहब्बत, अमन, इंसानियत का 900 साल पहले दिये पैगाम की वज़ह से आज भी सभी मज़हबों के करोड़ो लोगो मे उनमे आस्था है उनके दरबार मे सभी मज़हबों के मानने वाले हाज़री देते है। खिताब के बाद दरुदों सलाम का नज़राना पेश कर नज़र व दुआ हुई दुआ के बाद खानकाहे हुसैनी के बाहर राहगीरों, बच्चों को मिष्ठान का वितरण किया गया।
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मोहम्मदी यूथ ग्रुप के मेम्बरों ने गरीब नवाज़ के यौम ए विलादत की पूरे हिंदुस्तान की आवाम को मुबारकबाद दी व हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे बुलंद किये। माँ बाप व इंसानियत जन्नत की पहली सीढ़ी है आओं इसे मज़बूती से थाम ले। गरीब नवाज़ के खिदमात के पैगाम को आम करना ज़रुरी है।
जशन मे इखलाक अहमद डेविड चिश्ती, हाफिज़ माज़ सलामी, हाफिज़ शोएब आलम, हाफिज़ मुशीर अहमद, परवेज़ आलम वारसी, फाज़िल चिश्ती, ज़मीर खान, एजाज़ अहमद, इस्लाम खान चिश्ती, बब्लू खान, शमशुद्दीन खान, इरफान अशरफी, आफताब अहमद, माबूद खान, मोहम्मद अकील, एजाज़ रशीद, मोहम्मद नाहिद, रईस अहमद, मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद हफीज़, मोहम्मद जावेद, मोहम्मद तौफीक, अफज़ाल अहमद आदि लोग मौजूद थे।
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