कानपुर । गूंगो की आवाज,लोकतंत्र प्रहरी,वीर पत्रकार शिरोमणि,अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हो रहे लगातार हमलों से व्यथित होकर कानपुर स्थित बड़े चौराहे पर भारी जनसमूह के बीच फलक एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट,मायरा फाउंडेशन ट्रस्ट,उन्नति सेवा संस्थान,सपोर्ट फाउंडेशन के सदस्यों ने उद्धव ठाकरे एवं आदित्य ठाकरे के प्रतीकात्मक पुतले को फांसी पर लटकाते हुए काला दिवस मनाया एवं राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी कानपुर के माध्यम से दिया। समाजसेवी राकेश मिश्रा एवं अधिवक्ता विवेक हिंदू ने कहा कि यदि पत्रकारों का उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो याचना नहीं रण होगा,संघर्ष बहुत भीषण होगा । उद्धव ठाकरे मुर्दाबाद,आदित्य ठाकरे मुर्दाबाद, मुंबई कमिश्नर मुर्दाबाद,सचिन वासे मुर्दाबाद,अर्णव गोस्वामी जिंदाबाद आदि के गगनभेदी जोरदार नारे लगाए । वहां पर उपस्थित अधिवक्ता अवधेश पांडे,संजीव चौहान ने कहा उद्धव ठाकरे धृतराष्ट्र की तरह अपने दुर्योधन रुपी पुत्र आदित्य ठाकरे के मोह पास में फस कर अर्णव गोस्वामी को जो गिरफ्तार कराया है यह लोकतंत्र की हत्या है । जब तक पत्रकारों का उत्पीड़न बंद एवं अर्णव गोस्वामी की रिहाई नहीं होती तब तक प्रतिदिन आंदोलन जारी रहेगा । उन्नाव अभिभावक संघ के सुनीत तिवारी ने कहा कि जिस प्रकार से अर्णव गोस्वामी को बंद हो चुके मामले में फंसाया गया है उसकी हम कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हैं । वहां उपस्थित मीनाक्षी गुप्ता ने आदित्य ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए टिप्पणी कि अपने बेबी पेंगुइन एवं मातोश्री (सोनिया गांधी)को खुश करने के लिए यह षडयंत्र रचा गया है जिसको भारत की जनता समझ रही है । संतों की अगुवाई कर रहे अयोध्या से आए महंत दामोदर दास ने कहा कि जिस प्रकार से महाराष्ट्र के पालघर में साधु संतों की हत्या हुई थी,गोस्वामी उक्त मामले मे साधु संतों की आवाज बने थे । उसी से द्वेष रखते हुए उद्धव ठाकरे कि सरकार ने जो घोर अनर्थ किया है उसका परिणाम सुखद नहीं होगा और हम सभी संत गण उद्धव ठाकरे को श्राप देते हैं और बताना चाहते हैं कि उद्धव सरकार कुछ दिनों की मेहमान है ।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राकेश मिश्रा निडर,नवीन अग्रवाल,विष्णु तिवारी,संजीव चौहान,अधिवक्ता मीनाक्षी गुप्ता, ज्योति शुक्ला,प्रतिभा मिश्रा,मुन्ना बाबू,पंडित विवेक दुबे, महंत दामोदर दास,अधिवक्ता विवेक हिंदू,अधिवक्ता अवधेश पांडे, सौरभ त्रिपाठी,लक्ष्मी निषाद,आदि लोग रहे ।
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