कानपूर । गूगल की चैटिंग रिकार्ड की गवाही से एक साल सत्ताईस दिन बाद बेगुनाह बीटेक इंजीनियर को अदालत ने मासूम की ह्त्या से किया बरी , जेल भेजने वाले पुलिस अधिकारिओ पर कार्यवाही को डीजीपी को आदेश ,युवक के पिता एयरफोर्स अधिकारी है ,घूसखोरी की शिकायत से नाराज दरोगा ने किया था कारनामा
एक युवक बीते बुधवार रात को जेल से रिहा होता ,अपनी माँ से गले मिलता फिर दूसरे दिन गुरूवार को अपने वकील के साथ कानपूर डीआईजी आफिस में पत्रकारों को आपबीती बताता है ,गूगल की रिपोर्ट जिसमे युवक को पांच बजे से ग्यारह बजे तक ऑनलाइन दिखाया गया है
देश के जिन युवाओ को प्रधानमत्री मोदी देश का भविष्य बता कर सारी दुनिया में डंका पीटते है उनके जिंदगी के साथ हमारी पुलिस कैसे कैसे खेल खेलती है इसकी हकीकत कानपूर की एडीजे अदालत ने उजागर कर दी है अदालत ने एक साल सत्ताईस दिन बाद उस बीटेक इंजीनियर को एक मासूम की ह्त्या में बाइज्जत बरी कर दिया जिसको कोई सबूत न होते हुए भी एक दारोगा ने इसलिए कातिल बना दिया था क्योकि उसके पिता ने इस दारोगा के घुस माँगने की शिकायत डीएम से कर दी थी ,हैरानी यह है की युवक भी किसी ऐसे वैसे घर का लड़का नहीं था बल्कि उसके पिता एयरफोर्स दिल्ली में वारंट आफिसर है अदालत ने लड़के की बेगुनाही में गूगल की चैटिंग के उस रिकार्ड को सही माना जिसमे यह साबित होता था की बच्चे के मर्डर के समय लड़का आन लाइन एनीमेशन कर रहा था ,
वह युवा बीटेक इंजिनियर जय प्रताप सिंह (20) जिसे कानपूर पुलिस ने मासूम रेहान का हत्यारा बना कर जेल भेजा था रेहान की बीस अगस्त दो हजार सोलह को घर के पास गला काटकर ह्त्या की गई थी इसके बाद पुरे कानपूर में कई दिनों तक हंगामा चला था पुलिस ने रेहान की ह्त्या में पूछताछ के बहाने छब्बीस अगस्त को जयप्रताप को घर से बुलाया था फिर तीस अगस्त को उसी को कातिल बनाकर जेल भेज दिया था जबकि जय प्रताप यह चीख चीख कर गुहार लगाता रहा था की मैंने बच्चे को देखा तक नहीं तो क़त्ल कैसे करूंगा ,रिहा होने के बाद भी जय प्रताप का कहना है की मै बरी तो हो गया लेकिन मुझे अभी पूरा न्याय नहीं मिला है क्योकि मुझे जेल भेजने वाले अभी बहार है ,
जयप्रताप को जेल भेजने में भी पुलिस की घूसखोरी वाली बदनामी की कहानी का आधार बना था जयप्रताप के पिता भगवान् सिंह ने अपने अपने इलाके के दरोगा एके सिंह के खिलाफ पचास हजार की घुस माँगने की शिकायत कानपूर डीएम से दो हजार चौदह में की थी उनका अपने किरायेदार से विवाद चल रहा था इसी की जांच दरोगा कर रहा था डीएम के आदेश पर जब दरोगा की विजेलेन्स जांच हुई तो वह नाराज हो गया जयप्रताप के वकील का कहना है इसी नाराजगी ने एके सिंह ने जयप्रताप को बेगुनाह कातिल बना दिया जबकि शाम छै बजे जब रेहान का क़त्ल हुआ था उस समय वो गूगल पर आन लाइन था , वह सीधा साधा लड़का था मोहल्ले के सभी लोगो ने उसे बेगुनाह बताया था पुलिस ने जिन गवाहों को गवाह बनाया था उन सबने अदालत में जयप्रताप के फेवर में बयान दिया। हैरानी तो यह है जल्दबाजी केस की जांच करने वाली पुलिस ने जयप्रताप के पास से एक तमंचा बरामद दिखाकर यह साबित किया था की बच्चे की गर्दन तमंचे से काटी गई है
नागेंद्र सिंह गौतम जयप्रताप के वकील से जब इस सम्बंध में बात की तो उन्होंने बताया कि जिस समय घटना थी उस समय वह ऑनलाइन एनीमेशन कर रहा था हमने अदालत में यह रिपोर्ट लगाईं जिसे अदालत ने संज्ञान लिया जयप्रताप के पिता ने एक दरोगा एके सिंह के खिलाफ डीएम से शिकायत पचास की थी की वह पचास हजार की घुस मांग रहा है इसी से नाराज होकर उसने जयप्रताप को फसा दिया
जयप्रताप के परिजनों ने उसकी रिहाई के लिए हाइ कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगाईं थी दो हजार सोलह में उन्होंने यूपी के सीएम से लेकर हर अधिकारी को अपनी फ़रियाद सुनाई थी हाइ कोर्ट से उन्होंने नार्कोटेस्ट कराने की की थी आखिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह केस रोजाना सूना गया जयप्रताप के वकीलों का यह भी दावा है की अदालत ने केस से जुड़े सभी पुलिस अधिकारिओ पर कार्यवाही के लिए डीजीपी को आदेश दिया है
उत्तर प्रदेश में पुलिस की कार्यवाहीया हमेशा से विवादों में रही है लेकिन जयप्रताप के मामले में गौर करने वाली बात यह थी की उसके घरवाले शुरू से ही अधिकारियो से उसकी बेगुनाही के सबूत उनको दिखा रहे थे गुहार लगा रहे थे लेकिन किसी अधिकारी ने गौर तक नहीं किया सबसे अजीब बात यह थी की रेहान के घरवालों ने भी उसकी ह्त्या में जय प्रताप पर कोई शक नहीं जताया था न उनकी उससे कोई दुश्मनी थी फिर भी एक लड़के की जिंदगी कानपूर पुलिस ने बर्बाद कर दी जहाँ पुलिस की इस हिला हवाली से एक युवा का भविष्य चौपट कर दिया वहीं दुसरी ओर उस मासूम रेहान की आत्मा एवं परिवार वाले इंसाफ को तरस रहे हैं उस मासूम का हत्यारा आज भी खुले आम घूम रहा है कानून के लंबे हाथ होने के बावजूद उस मासूम का हत्यारा कानून के लंबे हाथ से बहुत दूर है दोनों परिवारों को इंसाफ कैसे मिले गा ?
BEHAD SUKHAD HAI KI EK BEQUSOOR SAZA SE BACHGAYA …..MAGAR DUKH IS BAAT KA HAI POLICE KI LAPARAHI SE ASLI QATIL ABHI TAK NAHI PAKRA GYA
NIKAMMI POLICE KI YE GHALTI HAI