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कानपुर । सूबे की प्रमुख संस्था मुस्लिम वेल्फेयर एसोसिएशन के सदर मुहम्मद वासिक़ बेग बरकाती ने एक प्रेस विज्ञप्ति के ज़रिये देश के सभी मुस्लिम से अपील की के ईद की नमाज़ के लिये परेशान ना हो घर में रहकर इबादत करे और अल्लाह से इस कोरोना जैसी महामारी से निजात के लिये दुआ और कोरोना की इस लड़ाई मे सरकार का साथ दे।वासिक़ बेग ने इस्लामी किताब बुखारी की एक हदीस का हवाला देते हुए बताया की अल्लाह के प्यारे रसूल एक ग़ज़वा से वापस होते वक़्त जब मदीना के क़रीब आ गए तो सहाबा से ख़िताब कर के फरमाया की मदीना शरीफ में कुछ ऐसे लोग भी मुक़ीम हैं के तुम लोग जहां जहां भी गये वो लोग हर जगह (निय्यते इबादत व सवाबे इबादत में) तुम्हारे साथ थे।
सहाबा ए किराम ने अर्ज़ की या रसूलुल्लाह, वो लोग तो मदीने में हैं (हमारे साथ शरीके इबादत कैसे हो गए?) तो अल्लाह के रसूल ने फरमाया हाँ वो लोग मदीने में हैं, उन्हें तुम्हारे साथ आने से उज़्र ने रोक रखा है, इससे यह मालूम हुवा के दिल में निय्यते इबादत हो मगर उज़्र की वजह से ना कर सके तो भी इबादत का सवाब मिलेगा।आप इस साल कोरोना वाइरस और लाॅकडाउन के उज़्र की वजह से नमाज़े ईद की जमाअत में हाज़िर नहीं हो पा रहैं हैं मगर ख़ुदाए करीम के करम की बारिश से आप फैज़याब ज़रूर होंगे।
बरकाती ने आगे कहा कि इस बार हम लोग लाॅकडाउन और धारा 144 की वजह से नमाज़े ईद की जमाअत में भी हाज़री से महरूम हो रहैं हैं मगर यह सिर्फ जिस्मानी हाज़री से महरूमी है क्यों के निय्यते हाज़री की वजह से हम इन्दल्लाह वहां हाज़िर होंगे और हमें वहां की हाज़िरे जमाअत का सवाब भी पूरा मिलेगा।
अब इस के साथ हम घर में भी नमाज़े ईद के बाद कुछ इबादत कर लें तो हमारा सवाब इन्शा अल्लाह दोबारा हो जायेगा।
बरकाती ने आगे कहा कि इस बार ईद बहुत सादा तरीक़े से मनाऐं,धुले हुवे साफ सुथरे कपड़ो को काफी समझें,मुहताजों की हाजत रवाई करें,ख़ास कर पड़ोसियों की दिल जोई करें कहीं भी भीड़ लगाने से बचें और अपने रिश्तेदारों को फोन करके ईद की मुबारकबाद दे ।
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