नदीम सिद्दीकी/शावेज़ आलम
कानपुर/कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप का आंकड़ा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है जिले में सेंचुरी को पार कर पॉजिटिव मरीजो की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है इसके विपरीत लोग अपनी दिनचर्या में सुधार लाने के बजाय लगातार उल्लंघन सीमा को मजाक बनाकर तोड़ने में कोई मुरव्वत नही कर रहे है तो वही पुलिस भी कमर कसे लॉक डाउन का पालन करवाने के लिये एड़ी चोटी की जोर आजमाइश कर रही है
लॉक डाउन को महज कोरोना का रोना मान कानपुर की जनता अपनी ही धुन पर थिरकती हुई शहर गली मोहल्लों नुक्कड़ कोनो में बड़े आराम से चौपाल के साथ चहल कदमी करती हुई ऐसे नजर आ रही है मानो जैसे कुछ हुआ ही न हो सड़को पर लोगो की आवाजाही कुछ इस तरह नजर आती है जैसे किसी ऐतिहासिक फ़िल्म का शो समाप्त होने के बाद उसकी आपस मे ही चर्चा करते हुए घर को जा रहे हो गलिया पंचायतों का अड्डा बन रौनक बिखेर रही है महामारी की भयंकर्ता को दरकिनार कर लोग अपनी ही धुन में थिरक रहे है
दूसरी ओर पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है कि वो कोरोना के महा प्रकोप से जनता को बचाने के लिये लॉक डाउन का पालन करना सीखा कर रहेगी लॉक डाउन का उल्लंघन करते नजर आए युवकों को एक अनोखे अंदाज में सजा देते हुए बावा रामदेव स्टाइल में योगा युक्त कसरत करवाकर उन्हें मजबूत किया फिर उन्हें चेताया दोबारा दिखे तो कुछ और ही मजबूत होंगे दूसरे एपिसोड में पुलिस ने उल्लंघन कर्ताओं से सड़क पर ही करवट लेतु हाथ जोड़ प्रार्थना करवाई कि दोबारा ईश्वर उन्हें लॉक डाउन उल्लंघन से बचाए इसके अलावा पुलिस ने कुछ लोगो के बचपन की याद ताजा करवाते हुए कुकडुक्कू मुर्गा दौड़ लगवाकर उल्लंघन न करने की प्रतिज्ञा भी दिलवाई वही कुछ लोगो को एक दूसरे के कान पकड़कर उठा बैठक के साथ सूर्य नमस्कार कराकर दोबारा लॉक डाउन न तोड़ने की पुलिस ने नसीहत दी अच्छी बात ये है कि अनोखी सजा की शुरुआत करते हुए पुलिस ने सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा है पुलिस की अनोखी पहल से जागरूक होकर जनता लॉक डाउन के प्रति गम्भीर होती भी है कि नही या ऐसे ही लॉक डाउन की खिल्ली उड़ाती रहेगी अगर लोग कोरोना को महज रोना समझकर सचेत न हुए तो आने वाला समय भयानक रूप लेकर आयेगा जिसके परिणाम गम्भीर व घातक होंगे ।
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