मोo नदीम सिद्दीकी……..
कानपुर/कोरोना के प्रकोप से देशवासियो को बचाने के लिये सम्पूर्ण भारत को लॉक डाउन किये जाने के कारण गरीब की रोटी के लाले तो पड़े ही है वही असहाय बेजुबान गाय व अन्य जानवरो का हाल दयनीय स्थिति में है दुकानों बाज़ारो व इंसानो के लॉक हो जाने के कारण जानवरो को भूखे प्यासे रहना पड़ रहा है भूख से बिलबिला रहे जानवरो के मरने की नौबत दिख रही है हालांकि कुछ समाज सेवियो ने गायो को चारा उपलब्ध कराया है परंतु रोज़ाना जिले की प्रत्येक गलियों में ऐसा कर पाना मुश्किल दिख रहा है
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना रेलबाजार के अन्तर्गत क्षेत्रो में बीस से अधिक चट्टे बने हुए है प्रत्येक चट्टा संचालक पांच से छै गाय पाले हुए है चट्टा संचालक सुबह दूध दूने के बाद गायो को दिन भर चरने के लिये हका देते है फिर शाम को पकड़कर दूध दूकर छोड़ देते है ये क्रम रोज़ाना बदस्तूर जारी रहता है इसी तरह और भी क्षेत्र में लोग गाय पाले हुए है उनका भी यही क्रम रोज़ाना जारी रहता है गायो से काम निकालने के बाद आवारा जानवरो की तरह छोड़ दिया जाता है संक्रमित वायरस के पैर पसार लेने से इंसानो के साथ जानवरो के भी पेट पर आन पड़ी है गायो को चारा मिलना बंद हो गया है पालतू गाय आवारा जानवरो में तब्दील होकर सड़क किनारे पड़ा कूड़ा खाकर पेट भरने पर मजबूर है भोजन की तलाश में दिन रात कूड़े के ढेर मे खड़ी गाय कूड़े को कुरेदती रहती है इस आशय से कुछ खाना दिख जाए।भोजन के लिये गलियों व सड़को पर भटक रही गायो को नाम मात्र ही भोजन मिल पा रहा है लॉक डाउन की वजह से कई दिनों से भूखी प्यासी खड़ी गाय आने जाने वालों को भोजन की आस में तकती रहती है चट्टा संचालको के मुह फेर लेने से दुधई गाय आवारा जानवरो में तब्दील होकर रह गई है पूछने पर चट्टा संचालक ने बताया कि पैसो की किल्लत की वजह से गायो को सही से चारा नही उपलब्ध करा पा रहे है जिसकी वजह से गाये इधर उधर भटक रही है बन्दी की वजह से चारा भी नही मिल रहा है चट्टा संचालक का गायो को भोजन की व्यवस्था न कराने का हवाला गले से उतरने योग्य नही दिख रहा।
हालांकि कुछ समाज सेवियो ने गायों की दयनीय अवस्था को देखते हुए उनके लिये भोजन की व्यवस्था की एम हेल्प लाइन टीम के संचालक शादाब इदरीसी व पुलिस विभाग में सिपाही पद पर कार्यरत सुशील यादव ने गायों के अलावा अन्य जानवरों लिए अपने स्तर पर भोजन की व्यवस्था की और संकल्प लिया कि उनसे जो बन पड़ेगा बेजुबान जानवरों के लिये भोजन की व्यवस्था कराएंगे इसके अलावा जिले के कई और समाज सेवियो ने भी गायो के लिये भोजन की व्यवस्था कराई परन्तु चिन्ता का विषय ये है कि लॉक डाउन की समय सीमा बढ़ने की वजह से गायो व अन्य जानवरों पर भूख के बादल मंडराने की संभावना है अभी तक सरकार की तरफ से गाय व आवारा जानवरो के लिये सहायता न मिलना चिंता का विषय बना हुआ है इसके अलावा कर्फ्यू जैसे माहौल में गाय की जान पर भी बनी हुई है कोई भी गौकश इन्हें हकाकर ले जाकर इनका वध कर इनके मास की बिक्री कर सकता है प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर इनकी निगरानी करवानी चाहिये जिससे बेजुबान गायो की गौकशो से भी रक्षा की जा सके साथ ही चट्टा संचालको व गाय स्वामियों को कड़ाई से फटकार लगाई जाये जिससे गायो को भोजन की उपलब्धता के साथ जीवन की भी रक्षा हो सके।
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