कानपुर नगर के मध्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से लोहा व्यापार को एक सुनियोजित एवं विकसित स्थान पर स्थानान्तरित करने हेतु वर्ष 1984 में लोहा व्यापार मण्डल के सहयोग से कानपुर विकास प्राधिकरण ने इस्पात नगर परियोजना सृजित की गई जो अनेक दौरो एवं बाधाओं से गुजरते हुए के डी ए की अकणर्मता के कारण आवंटी व्यापारी अपना व्यापार स्थानान्तरित करने में सफल नहीं हो पा रहे है । लगभग 35 वर्षों के एक लम्बे कार्यकाल में के०डी०ए० अभी भी इस्पात नगर के विकास कार्य पूर्ण नहीं करा सकी जबकि लोहा व्यापार मण्डल द्वारा समय-समय पर विकास कार्य पूर्ण कराने के लिये तथा पूर्व में आवंटित भूखण्डो को फ्रीहोल्ड करने का आग्रह करता रहा है । मानचित्र स्वीकृत कराने पर भारी भरकम अनिर्माण शुल्क की मांग के डी ए द्वारा किये जाने के फलस्वरूप मानचित्र भी स्वीकृत नही हो पा रहे है । उसे भी करने में लगभग 35 वर्ष लग गये । के0डी0ए ने विभिन्न विकास कार्यों के लिये धन आवंटित किये । ठेकेदारों को काम दिया गया परन्तु स्थलीय निरीक्षण पर विकास नही पाये गये बल्कि कागज में ही होकर अवशेष रह गये । अवशेष विकास कार्यों की जानकारी मण्डल स्तर समय समय पर दिये गये अनेक पत्रों के माध्यम से दी जाती रही है जिसे आज भी मौका निरीक्षण कर पुष्टि की जा सकती है । योजना नगर निगम को हस्तान्तरित कर केडीए अपूर्ण रह गये विकास कार्यों से अपने को मुक्त करना चाहती है तथा अनिर्माण शुल्क के नाम पर नजायज धन वसूल करना चाहती है । केडीए बोर्ड के उक्त निर्णय लिये जाने की तिथि दिनांक 26.03.2021 तक अनिर्माण शुल्क न लेने का निर्णय करना न्यायोचित होगा ।निवेदन है कि बिना अनिर्माण शुल्क लिये मानचित्र स्वीकृत करने हेतु 06 माह का समय उपलब्ध कराया जाये ताकि आवंटी व्यापारी मानचित्र स्वीकृत कराकर निर्माण करा सके और अपना व्यापार स्थानान्तरण कर सके तथा निर्णय की सूचना प्रत्येक आवंटी व्यापारी को के डी ए स्तर से प्रेषित की जाये।
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