कानपुर । शहर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक वक़्फ़ की सम्पत्ति की फ़र्ज़ी दस्तावेजो के आधार पर ख़रीद व फ़रोख़्त की गयी है।
चमनगंज निवासी मोहम्मद शोएब की अनवरगंज थाना क्षेत्र के आलम मार्किट में एक दुकान है। शोएब ने बताया कि उनके पिता हाजी फ़क़ीर मोहम्मद नवाबगंज पुराना कानपुर स्तिथ अपने एक मकान को 29 फरवरी 1956 को वक़्फ़ बोर्ड के सुपुर्द कर दिया था। और उस समय यह तय हुआ था कि उस मकान की देखभाल उनके ( हाजी फ़क़ीर मोहम्मद) के परिवार के सदस्य ही करेंगे।
बात करे शोएब की तो शोएब आलम मार्किट के एक सम्मानित दुकानदार है। हाजी फ़क़ीर मोहम्मद के बाद उनके बेटे शोएब को ये जिम्मेदारी सौंपी गयी। शोएब अपने पिता की दी हुई जिम्मेदारी को 3 सालो से बखूबी निभा रहे थे। तभी अचानक 10 जनवरी 2022 को उन्हें पता चला कि इस सम्पत्ति को अवैध तरीक़े से बेचा व खरीदा जा चुका है मामले की गंभीरता से जाँच करने पर पता चला कि इस सम्पत्ति की रजिस्ट्री 15 फ़रवरी 2003 में अवैध तरीक़े से की जा चुकी है।
मामले की और गहनता से जाँच करने पर पता चला कि इस धोखाधड़ी में शोएब के भाई मोहम्मद तकी और उनके सहयोगी शबनम परवीन,मोहम्मद आतिफ़,बिलाल,इमाद व कुछ अन्य लोग शामिल है। शोएब ने जब इस धोखाधड़ी का विरोध किया तो उनका भाई तकी ने अपने धोकेबाज़ और कूटरचित साथियों के साथ मिलकर 15 मार्च को शोएब के अनवरगंज थाना क्षेत्र वाले आलम मार्किट स्तिथ मकान पर हमला बोल दिया।
तकी ने अपने साथियों के साथ मिलकर शोएब को धमकाते हुए कहा कि अगर हमारे ख़िलाफ़ कार्यवाही करने की कोशिश की तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। शोएब इस वारदात से बहुत ही भयभीत हो गये। लेकिन किसी तरह खुद को सम्भाल कर शोएब ने कानून का दरवाजा खटखटाया और कार्यवाही की मांग की। इंस्पेक्टर अनवरगंज अशोक कुमार सरोज ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर तकी,शबनम परवीन,मोहम्मद आतिफ़,बिलाल,इमाद व 8 अज्ञात के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज बनाना और उनका प्रयोग करना व उन्हें धमकाना आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
बताते चले कि इस मामले में अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नही हुई है। वही शोएब व उनका परिवार बुरी तरह से भयभीत है क्योंकि अगर सूत्रों की माने तो तकी के सहयोगी अपराधी गतिविधियों वाले है। और इन आरोपियों में कुछ को कानपुर के कई हिस्ट्रीशीटर का संरक्षण प्राप्त है।
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