कानपुर । मोहम्मदी यूथ ग्रुप के ज़ेरे एहतिमाम पैगम्बर ए इस्लाम के नवासे शहज़ाद ए हज़रत मौला अली हज़रत इमाम हसन (रजि०अन०) की यौम ए विलादत पर लाकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह में सादगी से मनाया गया।
विलादत ए इमाम हसन का आगाज़ कुरान ए पाक की तिलावत के साथ किया गया शोरा ए कराम ने नात मनकबत पेश की जिसमें “मेरे मौला हसन की खुसबू से गुलसितानों में फूल खिलते है या हसन या हसन जो कहते है उनसे आकर रसूल मिलते है, जब हसन लिखता हूं तो आती है मुझको आवाज़ ये मदीने से, हुस्न बा छा गया ज़माने को इसकी नालायन के पसीने से, खानकाहे हुसैनी के साहिबे सज्जादा ने हज़रत इमाम हसन की विलादत की मुबारकबाद देते हुए कहा कि हज़रत इमाम हसन की विलादत मदीना मुनव्वरा मे रमज़ानुल मुबारक के महीने में 15 रमज़ान 3 हिज़री मे हुई हज़रत इमाम हसन जन्नत के नौजवानों के सरदार है उनकी शान मे दलील एक ही काफी उनकी अज़मत की उन्हें हुसैन भी अपना इमाम कहते है, हज़रत इमाम हसन की सखावत पूरी दुनिया मे एक मिसाल है नौजवानों को उनके नक्शें कदम पर चलना चाहिए रमज़ानुल मुबारक माह मे कसरत से इबादत कर नेकियों में इज़ाफ़ा करे। रसूल ए खुदा अपने नवासों हज़रत इमाम हसन और इमाम हुसैन से बहुत मोहब्बत करते थे हमे भी अहले बैत से मोहब्बत करने के साथ उनके बताए हुए रास्तों पर चलना चाहिए अहले बैत से मोहब्बत व उनका ज़िक्र करना भी इबादत है। पूरे आलम में जानलेवा वबा ने कोहराम मचा दिया है इस वबा (बीमारी) से लाखों लोगो की जान चली गयी और लाखों लोग इस वबा की जद में है रमज़ानुल मुबारक माह में अपने गुनाहों की माफी मांगे और तौबा करें। उसके बाद हज़रत इमाम हसन की नज़र हुई मज़ार की गुलपोशी इत्र सलातो सलाम पेशकर दुआ हुई।
दुआ में इखलाक अहमद डेविड चिश्ती ने अल्लाह की बारगाह मे रसूले खुदा, विलादते इमाम हसन के सदके रमज़ानुल मुबारक के पाक महीने की बरकत से इस जानलेवा कोरोना वायरस को हिंदुस्तान से खात्मा करने, हिंदुस्तान के बाशिंदों पर रहम करने, मेरे मुल्क सूबे शहर मे अमनों अमान कायम रख, खुशहाली देने की दुआ गिड़गिड़ा-गिड़गिड़ा कर की।
जशन व दुआ मे इखलाक अहमद डेविड चिश्ती, नईमुद्दीन खान, अफज़ाल अहमद, हाजी मोहम्मद गौस रब्बानी, परवेज़ सिद्दीकी, मोहम्मद हफीज़, शमशुद्दीन खान, मोहम्मद जावेद, मोहम्मद मुबश्शीर निज़ामी आदि लोग मौजूद थे।
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