कमीशनखोरी के चलते आसमान छू रही गोश्त की कीमतें
सार्वजनिक की जाए उन्नाव से लाकर शहर में बिकने वाले गोश्त की कीमतें व फैक्ट्री मूल्य
जनता उठाये आवाज नहीं तो बढते रहेंगे दाम-हाजी अतहर
कल तक शहर क़ाज़ी के साथ रहने वाले ही अब सोशल मीडिया पर कर रहे उन्हें बदनाम
कानपुर । शहर काजी हाफिज अब्दुल कुददूस व जमीअतुल कुरेश गरीब नवाज के अध्यक्ष हाजी दिलशाद के बीच नगर में गोश्त सप्लाई को लेकर छिड़ी जंग में अब मुस्लिम राजनीतिक व सामाजिक संगठन भी मुखर होने लगे हैं।किसी ने शहर काजी का समर्थन किया तो किसी ने गोश्त से मिलने वाले मोटे कमीशन को विवाद का कारण बताया।
इस संबंध में मंसूरी नेशनल कांफ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल रज़्ज़ाक़ मंसूरी ने कहा शहर काजी का जिस तरह सोशल मीडिया पर अपमान किया गया है वह निंदनीय है,उन्होंने कहा शहर काजी बिना किसी फायदे के समाज सेवा करते रहते हैं,शहर काजी ने 2017 में बंद हुए स्लॉटर हाउस के लिए मुहिम चलाकर नगर में गोश्त सप्लाई का काम किया था,आज वही लोग जो शहर काजी पर निर्भर थे अपने कमीशन के लिए उनके विरोध पर आमादा है।कमीशनखोरी की इस रस्साकशी में गोश्त कारोबारी और मुस्लिम समाज के लोग बुरी तरह पिस रहे हैं।उन्होंने कहा कि कमीशनखोरो ने सस्ती लोकप्रियता व अपनी सियासत चमकाने के लिए एक अलग से संगठन बना रखा है,हालांकि क़ुरैशी समाज का राष्ट्र स्तरीय आल इण्डिया जमीयतुल क़ुरैश संगठन पहले से ही काम कर रहा है,इस संगठन में कमीशन खोरो को कभी शामिल नही किया गया,जिसका परिणाम समानांतर संगठन के रूप में नजर आने लगा है।
कमीशनखोरो पर निशाना साधते हुए अब्दुल रज़्ज़ाक़ मंसूरी ने कहा नगर का स्लाटर बंद होने से सब का चरित्र सामने आ गया है।
उन्होंने गोश्त को लेकर विवाद कर रहे लोगों को सलाह देते हुए कहा,लिल्लाह आपसी विवाद पैदा ना करें मतभेदों से बचें और कौम व समाज को बदनाम होने से भी बचाएं।
इसी के साथ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के पूर्व नगर अध्यक्ष हाजी मोहम्मद अतहर ने कहा कमीशन खोरी के कारण ही आज नगर में गोश्त की कीमतें आसमान छू रही है,उन्होंने सरकार से मांग की उन्नाव से आने वाले और कानपुर के छोटे मझोले दुकानदारों को दिए जाने वाले गोश्त की कीमत को सार्वजनिक करे,जिससे नगर की जनता को भी मालूम हो सके कि गोश्त माफिया कितना कमीशन खा रहे हैं,उन्होंने कहा कि इन्हीं गोश्त माफियाओं की कमीशन खोरी के कारण क़ुरैशी समाज बदहाली की जिंदगी गुजारने को मजबूर है।उन्होंने यह भी कहा उन्नाव से गोश्त लाने वाले दलालो के कारण ही गोश्त कारोबारियों को भी उनका मुनासिब मुनाफा नहीं मिल रहा पा रहा है,साथ ही गोश्त की लज्जत की खातिर आम लोगों को भी अपनी जेबे अधिक ढीली करनी पड़ रही है,उन्होने मुस्लिम समुदाय को जागरूक करते हुए कहा अगर समय रहते मुस्लिम समाज में चेतना ना आई तो गोश्त की कीमतें बढ़ती ही जाएगी,इस पर विराम लगना बेहद जरूरी है और यह तभी संभव हो सकेगा जब मुस्लिम समाज कमीशनखोरो के विरुद्ध आवाज उठाएगा।
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