कानपुर । सोने से पहले आग और चिराग बुझा दे और कहीं पर भी जलती आग ना छोड़े चूल्हे,हीटर आदि बंद कर दे हदीस में है कि रात में जब तुम सोने जाओ तो चिराग बुझा दो और जलती हुई आग ना छोड़ो कभी-कभी चूहा आग की बत्ती को भड़का देता है और घर वालों को जला देता है उक्त विचार ऑल इंडिया गरीब नवाज़ काउंसिल के तत्वाधान में आयोजित काजी खेड़ा लाल बागला में मीलादुन नबी के जलसे को संबोधित करते हुए काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मो. हाशिम अशरफ़ी इमाम ईदगाह गद्दियाना ने किया अशरफ़ी ने कहा मौसम की सर्दी और शीतलहर से बचने के लिए गली-गली और चौराहों और सड़कों के किनारे जगह-जगह अलाव जलाए जाते हैं । जब तक अलाव भड़कता है लोग हाथ पांव सकते हैं और आंच कम होती है तो आग छोड़ कर चले जाते हैं जिससे कभी-कभी बड़े-बड़े हादसे हो जाते हैं कभी-कभी अंगीठी से चिंगारी उठकर घर को जला देती है कभी हवा के झोंके से सुलगता हुआ अलाव भड़क जाता है और आग लग जाती है एहतियात का तकाजा है कि रात को सोते वक्त घर में आग, कोयले की अंगीठी, गैस या बिजली के चूल्हे और हीटर आदि बंद कर दिए जाएं वरना नुकसान का अंदेशा है । बिजली के बल्ब भी बुझा दिए जाएं क्योंकि बिजली आग की एक किस्म है उसके अलावा अंधेरे में सोना बहुत ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि अगर बल्ब जलता रहेगा तो सर्किट शार्ट होने से जान माल का नुकसान हो सकता है । इस से पूर्व जलसे का आगाज कुराने पाक की तिलावत से कारी मो.अहमद अशरफ़ी ने किया खुर्शीद आलम,हाफिज मो.अरशद अशरफ़ी ने नातो मनक़बत पेश किए संचालन हाफिज नियाज़ अशरफ़ी ने किया सलातो सलाम कोरोना से निजात और हिंदुस्तान समेत आलम ए इस्लाम के अमन व अमान और खुशहाली के लिए दुआएं की गई तबर्रुक तकसीम किया गया जलसे में प्रमुख रूप से साहब अली, हाजी हैदर अली,हाजी सलीम अहमद,हाजी सफ़दर अली, दिलदार,मुन्ना आदि उपस्थित थे ।
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