ग़ज़ियाबाद के शेल्टर होम ने इदरीस को लेने से मना किया,हुई रिहाई कानपुर ।साढ़े चार साल की सज़ा काटने के बाद पाकिस्तानी नागरिक इदरीस कानपुर जेल से रिहा हो गया लेकिन कानूनी पेंच एक बार फिर फस गया की आखिरकार अब इदरीस का क्या होगा. पुलिस ने भी इदरीस को बिना निगरानी जाने दिया और कोई भी पुलिस का अधिकारी इस मामले में बोलने को तैयार नहीं है.
पाकिस्तानी नागरिक इदरीस तीन साल के वीसा पर अपने घर 1999 में आया था. वीसा अवधि ख़त्म हो जाने के बावजूद इदरीस यही रुका रहा और जब भारत सरकार ने उसको वापस पकिस्तान भेजना चाहा तो पाकिस्तान ने इदरीस को लेने से मना कर दिया. फरवरी 2013 में पाकिस्तानी संघीय मंत्री अंसार बरनी ने ट्वीट करके बोला की इदरीस को भारत में यातना दी जा रही है लेकिन जब मीडिया ने तहकीकात की तो पता चला की इदरीस पुलिस लाइन के एक कमरे में ना सिर्फ बिना निगरानी के रह रहा है बल्कि गैर कानूनी रूप से मोबाइल भी इस्तेमाल कर पकिस्तान बात कर रहा है. मीडिया में खबर आने के बाद इदरीस को बिना वीसा रहने के आरोप में जेल भेज दिया. आज इदरीस को सज़ा पूरी होने पर रिहा किया गया लेकिन ग़ज़ियाबाद के शेल्टर होम ने इदरीस को लेने से मना कर दिया और पुलिस ने भी उसको बिना निगरानी जाने दिया. अब बड़ा सवाल यह है की बिना वीसा एक पाकिस्तानी नागरिक को कैसे जाने दिया गया. इतने सालो में इदरीस ने भी भारतीय नागरिकता लेने का प्रयास नहीं किया. इस पूरे मामले में पुलिस और एलआईयू के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे है और कुछ भी बोलने से साफ़ मना कर रहे है. जब इदरीसी से पूछा गया अब कहाँ जाओ गए तो उसने कल्याण पुर में अपनी भतीजी के घर जाने की बात कही
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