कानपुर । राष्ट्रीय शराब बन्दी संयुक्त मोर्चा की एक बैठक शास्त्री भवन खलासी लाइन में सम्पन्न हुई जिसमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जिसमें अलीगढ़,आगरा,कानपुर देहात, फतेहपुर, इलाहाबाद,बाराबंकी, गोरखपुर सहित दो दर्जन जिलों में पिछले साढ़े चार वर्षों में जहरीली शराब से लगभग 400 लोगों की मृत्यु हो चुकी है । बैठक में चिन्ता प्रकट किया गया कि उत्तर प्रदेश योगी सरकार में आबकारी अधिकारी, पुलिस की मिलीभगत और शराब माफिया के संरक्षण में लगातार नकली व जहरीली शराब पूरे प्रदेश में धड़ल्ले से बिक रही है । बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महामहिम राजपाल से मांग की गयी है कि उत्तर प्रदेश में तत्काल शराब बन्द किया जाये भारतीय संविधान अनुच्छेद-47 में मादक पदार्थ कच्ची व पक्की पर प्रतिबन्धित है । उसके बाद भी केन्द्र व प्रदेश सरकार राजस्व के लालच में शराब पर प्रतिबन्ध नहीं लगा रही हैं । बैठक में निर्णय लिया गया है कि 2 अक्टूबर को जीपीओ पार्क लखनऊ में लोग इकट्ठा होकर उत्तर प्रदेश में राज्यपाल को ज्ञापन देने का कार्य करेंगे। उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से मायावती पूर्व मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में लाटरी पर प्रतिबन्ध लगाया था, उसी प्रकार माननीय योगी आदित्यनाथ को भी शराब पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाना चाहिए। क्योंकि शराब अपराध की जननी है यदि शराब पर प्रतिबन्ध लग जाता है तो निश्चित रूप से अपराध में कमी आयेगी और जो घरेलू हिंसा शराब पीने के बाद घटती है वह भी रुक जायेगी । बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय शराब बन्दी संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक सुल्तान सिंह ने शराब बन्दी अधिनियम लागू करने की मांग की और यह भी कहा कि शराब से समाज में विघटन व टूटन सहित अन्य बुराइयों को रोका जा सकता है। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय शराब बन्दी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश दीपक मालवीय ने किया । संचालन प्रदेश सयोजक शाकिर अली उस्मानी ने किया । बैठक में प्रमुख रूप , मनोज बाल्मीकी, कुलदीप सक्सेना, रजनी सेंगर, प्रदीप यादव, मो० उस्मान, दयाशंकर सैनी, इस्लाम खा आजाद सोनेलाल गौतम, आर०के० सिंह,आदि लोग रहे ।
Leave a Reply