
●मोहब्बत और भाई चारे को मज़बूत बनाए रखने के उद्देश्य से देश की प्रमुख ख़ानक़ाहों से सूफी आंदोलन शुरू हो गया है ।
●”सूफीमत अमन की एक आवाज़ और खानकाहों की भूमिका” विषयक कॉन्फ्रेंस का आयोजन बेनहर इंटरनेशनल स्कूल में किया गया।
●वर्तमान माहौल में सद्भावना बिल की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
●इंटरनेट का भी सकरात्मक इस्तेमाल किए जाने की तैयारी है।
●खानकाह बोर्ड ,वक़्फ़ बोर्ड, व वक़्फ़ एक्ट के सम्बंध में जो बातें की गयी है उस सिलसिले में काउन्सिल का एक प्रतिनिधिमण्डल भारत सरकार से भेंट करके अपनी बात रखेगा।
●कांफ्रेंस में यह भी बताया गया देश की दरगाहों को साथ लाने और दरगाहों में आध्यत्मिक आधारित सूफी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र खोलने पर विचार किया जा रहा है ।
●कान्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए प्रभारी उत्तर प्रदेश सूफी सज्जादानशीं काउन्सिल एवं नायब सज्जादानशीं खानकाह सफविया सफीपुर शरीफ के श्री अफ़ज़ाल मोहम्मद फ़ारूक़ी सफ़वी ने बताया कि कान्फ्रेंस में देश की प्रमुख खानकाहों के लगभग पांच दर्जन सज्जादानशीं ने भाग लेते हुए अपने विचार व्यक्त किये।
उन्नाव:मोहब्बत और भाई चारे को मज़बूत बनाए रखने के उद्देश्य से देश की प्रमुख ख़ानक़ाहों से सूफी आंदोलन शुरू हो गया है ।इसी के तहत रविवार को ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउन्सिल के तत्वधान में “सूफीमत अमन की एक आवाज़ और खानकाहों की भूमिका” विषयक कॉन्फ्रेंस काआयोजन बेनहर इंटरनेशनल स्कूल में किया गया।सज्जादानशीं ने समाज में बढ़ती कट्टरता वाली विचार धारा धर्म,और धार्मिक ग्रन्थों की गलत व्याख्या के परिणाम स्वरूप समाज में फैलने वाली भ्रांतियों तथा टकराव जैसे माहौल पर चिंतन मनन करते हुए कहा कि समय की मांग है कि हम अध्यात्म के साथ ही समाज एवं देश की भी चिंता करें ताकि देश हमेशा अमन का गहवारा बना रहे । गोष्ठी में कई फ़ैसले लिए जाने के साथ ही बताया गया कि सूफी बोर्ड की स्थापना और सदभावना बिल के सम्बंध में शीघ्र ही ऑल इंडिया सज्जादानशीं काउन्सिल का एक प्रतिनिधि मंडल केंद्र सरकार को एक ज्ञापन देगा और यह आशा व्यक्त की गई कि वर्तमान केंद्र सरकार हमारी मांगो पर सकरात्मक कार्रवाई करेंगी गोष्ठी में सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर भी चिंता व्यक्त की गयी।
सज्जादानशीं ने बताया कि खानकाहें रूहानी तरबियतगाहे (शिष्टाचार की शिक्षा के प्रशिक्षण केंद्र) हैं। यहां शिक्षा के साथ दिलों को सवारने और चमकाने का काम होता है । यहां अमन ,शांति ,एकता और भाईचारे व प्रेम का पाठ पढ़ाया जाता है। इसी उद्देश्य के तहत गोष्ठियों का आयोजक किया जा रहा है। इंटरनेट का भी सकरात्मक इस्तेमाल किए जाने की तैयारी है।
कांफ्रेंस में यह भी बताया गया देश की दरगाहों को साथ लाने और दरगाहों में आध्यत्मिक आधारित सूफी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र खोलने पर विचार किया जा रहा है ।बताया गया कि शीघ्र ऑल इंडिया ख़वातीन काउन्सिल का गठन किया जाएगा क्योंकि बच्चें की पहली पाठशाला माँ की गोद होती है माँ ही अपने बच्चों की पहली अध्यापिका भी होती है ।
जो उन्हें तालीम और तरबियत (शिष्टाचार)से संभ्रान्त नागरिक बनाने में अहम भूमिका निभाती है।जब महिलाएं बच्चों की शिक्षा के साथ ही उनकी गतिविधियों पर नज़र रखेंगी तो काफी हद तक समाज में बदलाव आएगा।

इस अवसर पर चेयरमैन ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउन्सिल और सज्जादानशीं हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज़ (र०अ०) अजमेर शरीफ श्री सय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि काउन्सिल की कोशिश है कि खानकाहों का विकास किया जाए और इसके लिए हमारा प्रयास है कि देश की तमाम खानकाहें एक प्लेटफार्म पर जमा होकर इस सम्बंध में सहयोग करें उन्होंने अपने भाषण एवं पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि खानकाह बोर्ड ,वक़्फ़ बोर्ड, व वक़्फ़ एक्ट के सम्बंध में जो बातें की गयी है उस सिलसिले में काउन्सिल का एक प्रतिनिधिमण्डल भारत सरकार से भेंट करके अपनी बात रखेगा। इसके लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। इससे पूर्व सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के मेम्बरान से भी मशवरा होगा। तत्यपश्चात फाईनल ड्राफ्ट को सरकार के सामने पेश किया जाएगा । उन्होंने आशा व्यक्त की वर्तमान सरकार हमारी बात सुनकर हमारे हक़ में फैसला लेगी चिश्ती साहब ने कहा कि वर्तमान माहौल में सद्भावना बिल की आवश्यकता महसूस की जा रही है इस सिलसिले में सरकार से मांग की जाएगी ताकि हर धर्म मज़हब के प्रतिनिधि एक साथ बैठकर देश हित में काम करते हुए देश को मज़बूत बनाने का काम करें।
कान्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए प्रभारी उत्तर प्रदेश सूफी सज्जादानशीं काउन्सिल एवं नायब सज्जादानशीं खानकाह सफविया सफीपुर शरीफ के श्री अफ़ज़ाल मोहम्मद फ़ारूक़ी सफ़वी ने बताया कि कान्फ्रेंस में देश की प्रमुख खानकाहों के लगभग पांच दर्जन सज्जादानशीं ने भाग लेते हुए अपने विचार व्यक्त किये इनमें अजमेर शरीफ हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया (र०ह०) गुलबर्गा शरीफ सफीपुर शरीफ रुदौली शरीफ काकोरी शरीफ ,लखनऊ बिहार की कई जनपदों के नाम उल्लेखनीय है।
इन्होंने यह भी कहा कि दरगाह बोर्ड के सिलसिले में वक़्फ़ बोर्ड उत्तर प्रदेश के चेयरमैन ज़ुफर फारुकी से विचार विमर्श किया जा रहा है ताकि ड्राफ्ट बनाने में आसानी हो।
कान्फ्रेंस में डॉ मसूद अनवर अली साहब ने कहा कि खानकाहों का किरदार हमेशा ही अहम रहा है ।
पटना बिहार के प्रोफेसर शमीमउद्दीन साहब ने कहा कि यू तो इंटरनेट के दौर में दुनिया सिमट कर छोटी हो गयी है लेकिन यह चिंता की बात है कि हम पास पास तो है लेकिन दूरियों बहुत ज़्यादा है । इन दूरियो को खत्म करने के लिए हमे संजीदगी से गौर करना होगा और यह काम सूफी हज़रात ही कर सकते है।
नय्यर मियाँ साहब ने एक सूफी बाबा के हवाले से कहा की उनके मुरीद ने तोहफे में एक कैंची पेश की जिससे उन्होंने यह कहकर कबूल नही किया कि अल्लाह ने हमें जोड़ने के लिये पैदा किया है काटने के लिए नही ।इस दौरान उन्होंने वक़्फ़ बोर्ड के कुछ फैसले और कार्रवाई पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की ।
दिल्ली से तशरीफ़ लाए फरीद निज़ामी साहब का कहना था कि खानकाहों में तालमेल की कमी है इस कमी को दूर किये जाना चाहिये ऐसा निसाब बनना चाहिए कि तमाम सज्जादानशीं को औकाफ के कानून के बारे में मालूमात हासिल हो सकें।
नात-ए-पाक का नज़राना हिलाल मुजीबी ने पेश किया।
कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता श्री सैय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती ने की जब कि संचालन की ज़िम्मेदारी मौलाना ज़ीशान ने निभाई तथा धन्यवाद प्रस्ताव श्री अफ़ज़ाल मोहम्मद फारूकी ने पेश किया।
कॉन्फेंस में शहर क़ाज़ी कानपुर मुफ़्ती साकिब अदीब,
काज़ी -ए-शहर लखनऊ अबुल इरफान मियां फिरंगी महली ,अनफ़ासुल हसन चिश्ती, मौलाना मोहम्मद अफ्फान मियां फिरंगी महली आदि लोग मौजूद रहें।
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