
शावेज़ आलम✍️✍️
प्रयागराज: महाकुंभ-2025 के दौरान रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) उत्तर मध्य रेलवे के जवानों ने अपनी अद्वितीय सेवा, बहादुरी और तत्परता से लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बावजूद आरपीएफ कर्मी न केवल सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में सफल रहे, बल्कि कई यात्रियों की जान बचाकर मानवता की मिसाल भी पेश की।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी। इस चुनौती का सामना करते हुए आरपीएफ जवानों ने श्रद्धालुओं को सुरक्षित ट्रेन में चढ़ाने के साथ-साथ हर व्यक्ति की अपने परिवार की तरह देखभाल की।
चलती ट्रेन में गिरने वालों को बचाया
भीड़ के दौरान कई श्रद्धालु चलती ट्रेन में चढ़ने के प्रयास में अचानक गिर गए, जिससे वे ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच फंस गए। ऐसे संकट के क्षणों में तैनात आरपीएफ जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना तत्परता दिखाते हुए यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला और उनकी जान बचाई।

सीपीआर देकर बचाई 12 श्रद्धालुओं की जान
कड़ाके की ठंड में कई श्रद्धालु अचानक हृदयगति रुक जाने के कारण मरणासन्न स्थिति में पहुंच गए। ऐसे में मौके पर तैनात आरपीएफ निरीक्षकों और जवानों ने अपनी त्वरित प्रतिक्रिया से अचेत श्रद्धालुओं को तत्काल सीपीआर (CPR) देकर होश में लाया और फिर उन्हें अस्पताल में आगे के इलाज के लिए भेजा। महाकुंभ के दौरान आरपीएफ जवानों ने इस प्रकार 12 श्रद्धालुओं को नया जीवन प्रदान किया।
आरपीएफ का कर्तव्यनिष्ठ प्रयास जारी
महाकुंभ-2025 में आरपीएफ का प्रत्येक जवान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लगातार अपनी सेवाएं दे रहा है। यात्रियों की रक्षा के लिए जवान अपने जीवन की भी परवाह किए बिना दिन-रात तत्पर हैं। आरपीएफ की यह सेवा और समर्पण महाकुंभ के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होने योग्य है।
Leave a Reply