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*मो0 नदीम सिद्दीकी की रिपोर्ट*
कानपुर-शहीद मेजर सलमान अंतरराज्जीय बस अड्डा टैक्स चोरी व अवैध तस्करी का अड्डा बनता जा रहा है रात होते ही बसों पर तस्करों की बस कर्मियों की साठ गाँठ से टैक्स चोरी के माल को बस की सीट डिग्गी व छतो पर लादा जा रहा है इससे प्रदेश को जीएसटी के रूप में रोज़ाना लाखो की चपत लगने का अनुमान है वही यात्रियो को टिकट चुकाने के बाद भी असुविधा झेलनी पड़ रही है विरोध करने पर यात्रियो को बीच रास्ते उतारने की घुड़की देकर चुप करा देते है इसके अलावा बसे भी क्षतिग्रस्त हो रही है विभागीय अधिकारी गंधारी की तरह आँखे मूंदकर सारा नजारा देख रहे है
बस अड्डे के आस पास बने फर्जी पार्सल घरों की बस कर्मियों से सेटिंग गेटिंग होने की वजह से आस पास के जिले से आने वाली बसे तस्करी का आसान जरिया बनी हुई है इन बसों में फर्जी पार्सल के माध्यम से अवैध सामानों को आसानी से लादकर इधर उधर किया जा रहा है खासकर लम्बी दूरी की बसों पर टैक्स चोरी का माल बड़ी मात्रा में अन्य जिलों में पहुचाया जा रहा है जानकारी के अनुसार बसो में माल लादने के लिए किसी भी व्यक्ति को आईडी प्रूफ की जरूरत नही होती है कोई भी आसानी से रकम चुकाकर कुछ भी बुक कर सकता है बुक किए हुए माल की जानकारी बस कर्मियों को नही हो पाती है उन्हें तो एक फोन नo दे दिया जाता है उसी के आधार पर उन्हें माल पार्टी के सुपुर्द करना होता है बेईमानी का काम ईमानदारी से करने के एवज में बस कर्मियो को मोटी रकम मिलती है एक पार्सल एजेंट ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर हमें बताया कि यहां पर जो भी माल बसों पर लादा जा रहा है ज्यादातर टैक्स चोरी का माल है जिसे रात के अंधेरे में ही पार कराया जाता है सारा गोरखधंधा विभागीय अधिकारियों की देख रेख में होता है सबको अपना हिस्सा समय पर मिल जाता है तभी सब के मुह पर ताले लगे है क्षेत्रीय पुलिस भी गांधारी बनी हुई तमाशा देख रही है
बहरहाल मामला कुछ भी हो तस्करों द्वारा बसों पर टैक्स चोरी के माल की होती अवैध लोडिंग से सिर्फ राज्य सरकार को ही करोड़ो के टैक्स की हानि पहुच रही है वही तस्करों की पैसा कमाने की चाह किसी बड़ी घटना को अंजाम न दे दे इसका जिम्मेदार कौन होगा ये तो भगवान ही जाने
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