सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की केंद्रीय सूची में 15 नई जातियों को शामिल करने का फैसला किया है। इसके अलावा 13 अन्य जातियों में बदलाव किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। आठ राज्यों असम, बिहार, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने सूची में 28 बदलावों की सिफारिश की थी। इसमें 15 नई जातियां शामिल की गई हैं। इसके अलावा 9 जातियां या तो उपजाति हैं या फिर सूची में शामिल किसी जाति का ही दूसरा नाम हैं, जबकि चार सुधार किए गए हैं।
आधिकारिक बयान के मुताबिक इस बदलाव के बाद इन जातियों के लोग सरकारी नौकरियों और केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का लाभ पाने के हकदार होंगे। इसके अलावा उन्हें केंद्र की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति व अन्य कल्याणकारी योजनाओं में भी आरक्षण का लाभ मिलेगा।
एनसीबीसी किसी जाति या उप जाति को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के अनुरोध की समीक्षा करता है साथ ही आपत्तियों की सुनवाई भी करता है। एनसीबीसी की सिफारिशें केंद्र सरकार के लिए बाध्यकारी होती हैं। इस बीच केंद्र सरकार ओबीसी में क्रीमी लेयर के नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है।
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