WSSCC की पंचवर्षीय रणनीति के तहत हुआ फण्ड का गठन
जिनेवा, मार्च 7: एक दूरगामी और ऐतिहासिक निर्णय के तहत वाटर सप्लाई एंड सैनिटेशन कलबोरेटिवे कौंसिल (WSSCC) की स्टीयरिंग समिति ने आज विश्व के अत्यधिक पिछड़े देशों तक अपनी सेवा के विस्तार सम्बन्धी २०२१-२०२५ रणनीति की घोषणा की । रणनीति के हिस्से के तहत सैनिटेशन एंड हाइजीन फण्ड (SHF) का रास्ता साफ़ हो गया जिसका सीधा लाभ दुनिया भर में सफाई के मामले में विश्व मानक से काफी नीचे चल रहे देशों व लोगों को मिलेगा.
उक्त जानकारी WSSCC की चेयर हिन्द खतीब ओस्मान ने देते हुए बताया के वर्तमान समय में विश्व में स्वछता का बराबर स्तर सभी भोगौलिक छेत्र में बनाये रखना अत्यधिक महतवपूर्ण है, क्यूंकि गन्दगी स्थायी विकास लक्ष्यों की पूर्ती में बाधक है और इसी कारण बड़ी संख्या में लोग छूत की बीमारी या कोरोना वायरस जैसी बीमारी की चपेट में आरहे हैं । महिलाओं के मासिक धर्म सम्बन्धी स्वछता का अभाव भी एक बड़ी समस्या है जिसका दुष्प्रभाव गर्भधारण, कुपोषण और प्रतियोधयात्मक छमता पे पड़ता है । सफाई के आभाव के चलते हैज़ा,च्लोएरा,एबोला व नवजात शिशु की मृत्यु जैसी समस्याएं भी उत्पन होती हैं । उन्होंने कहा की अभी से जब प्रयास किये जाएंगे तब कहीं जाकर इस सदी के पूर्ण होने के आस-पास स्वच्छ विश्व की कल्पना साकार हो पाएगी।
WSSCC के हेड कॉर्पोरेट एंड कम्युनिकेशन अफेयर, हिरोयुकी साइतो ने बताया के उनका संगठन पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों को स्वछता सम्बन्धी जीवन रक्षक सेवाएं दे रहा है. संगठन स्वाभाग्यशाली है के उसके साथ लम्बे समय से जुड़े दानवीर और साझेदार हैं । उन्होंने एलान किया की SHF उन् सभी देशों को स्वछता के लिए वित्तीय व अन्य सेवाएं देगा जो उसके मानकों के अनुरूप खरी उतरती हो. ओस्मान और हीरोयुकी ने कहा के SHF का मानना है के मौजूदा स्तिथि में एक वैश्विक धृष्टिकोण, बदलाव के लिए इच्छुक नजरिया एवं दीर्घजीवी प्रतिबद्धता की ज़रूरत है अन्यथा संसार एक बड़ा हिस्सा कभी साफ़ सुथरा नहीं हो पाएगा. उन्होंने विश्व के बड़े नेताओं व राष्ट्र अध्यक्षों से अपील की वह SHF के इस मिशन को आगे बढ़ने के लिए वित्तीय व अन्य संसाधन मुहैया कराएं।
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